शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है. मंगलवार को सदन में प्रदूषण पर चर्चा हुई, इसके अलावा विपक्ष ने कई मसलों पर केंद्र सरकार को घेरा. बुधवार को राज्यसभा में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के मसले पर रिपोर्ट पेश हुई. कांग्रेस की तरफ से गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने का मुद्दा उठाया गया. वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर को लेकर राज्यसभा में बयान देते हुए कहा कि घाटी के हालात में सुधर रहे हैं. इतने ही नहीं शाह ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि पूरे देश में एनआरसी लागू होगा.
राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने एनआरसी को लेकर विपक्ष के आरोपों पर जवाब दिया. सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इससे किसी भी धर्म को डरने की जरूरत नहीं है. बड़ा एलान करते हुए शाह ने कहा कि एनआरसी के आधार पर नागरिकता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी और इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा.
उन्होंने धर्म के आधार पर एनआरसी में भेदभाव किए जाने की आशंका को खारिज किया. यह एक प्रक्रिया है जिससे देश के सभी नागरिक एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकें. एनआरसी में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है जिसके आधार पर कहा जाए कि धर्म विशेष के लोगों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा.
एनआरसी और नागरिकता संशोधन विधेयक पर खुलासा
अमित शाह ने कहा कि सभी नागरिक भले ही उनका धर्म कुछ भी हो, एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकते हैं. एनआरसी अलग प्रक्रिया है और नागरिकता संशोधन विधेयक अलग प्रक्रिया है. इसे एक साथ नहीं रखा जा सकता.
एक संसद के सवाल के जवाब में केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि हिंदू, बुद्ध, सिख, जैन, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी. इसके लिए सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल अलग से है ताकि इन शरणार्थियों को नागरिकता मिल सके. इन्हें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर भेदभाव का शिकार होना पड़ा था.