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संघ प्रमुख के बयान के बाद भी रुकने का नाम नहीं ले रहा मोब लिंचिंग, पश्चिम बंगाल में दो लोगों की मौत

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अभी कुछ दिनों पहले यानी विजयादशमी के मौके पर नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा था कि ‘लिंचिंग’ शब्द की उत्पत्ति भारतीय लोकाचार से नहीं हुई. इस तरह की घटनाओं से संघ का कोई लेना-देना नहीं है और इन्हें रोकना हर किसी की जिम्मेदारी है. कानून-व्यवस्था की सीमा का उल्लंघन कर हिंसा की प्रवृत्ति समाज में परस्पर संबंधों को नष्ट कर अपना प्रताप दिखाती है. यह प्रवृत्ति हमारे देश की परंपरा नहीं है, न ही हमारे संविधान में यह है. संघ प्रमुख के ऐसे बयान आने के बाद भी मोब लिंचिंग के मामलों में कमी आने का नाम नहीं ले रही.

ताजा मामला है पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले का जहां पर भीड़ ने दो लोगों को पशु चोरी के संदेह में पीट-पीट कर हत्या कर दी और इस मामले में कथित संलिप्तता को लेकर 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि रबीउल इस्लाम और प्रकाश दास एक वैन से दो गायों को लेकर जा रहे थे तभी माथाबांगला क्षेत्र में 21 नवंबर को यह घटना हुई.

पुलिस ने बताया कि भीड़ ने वैन रोकी और उसमें गायों को देखा. लोगों ने दावा किया कि ये गाएं कुछ दिन पहले इलाके से चुरा ली गई थीं और उन्हें पशु तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था. इसके बाद भीड़ ने दोनों की पिटाई की और वैन को आग लगा दी.

पुलिस ने बताया कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी मौत हो गई. पश्चिम बंगाल विधानसभा ने हाल में पश्चिम बंगाल (भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने की रोकथाम) अधिनियम, 2019 पारित किया था जिसे राज्यपाल की मंजूरी मिलने का इंतजार है.