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मंजुला श्रॉफ और अमिताभ शाह पर कब कार्रवाई, अथवा कागजी कार्रवाई के साथ संतोष?

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खुद को स्व कथित भगवान बताने वाले भगेड़ू स्वामी नित्यानंद विदेश फरार हो चुके हैं. और उनके आश्रम को चलाने वाली दो सेविकाओं के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जा चुका है ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या सरकार और सिस्टम इस केस में सबसे अहम भुमिका अदा करने वाली मंजुला पूजा श्रॉफ और अमिताभ शाह पर कोई कार्रवाई करेगी भी या फिर कागजी कार्रवाई मात्र कर संतोष मान लिया जाएगा.

डीपीएस स्कूल में चलने वाले नित्यानंद के आश्रम केस में अभी तक स्कूल प्रिंसिपल हितेश पटेल और पुष्पक सिटी के मैनेजर बकुल ठक्कर को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन मामूली पूछताछ के बाद दोनों को रिहा भी कर दिया गया. लेकिन अभी तक इस पूरे मामला का मास्टरमाइंड और रंगीन मिजाज बनावटी बाबा फरार चल रहा है. जिसकी वजह से पूरे मामले की सच्चाई भी सामने नहीं आ पा रही है. आश्रम से गायब होने वाली लड़कियों का क्या हुआ? गायब होने वाली लड़कियां किन परिस्थितियों का सामना कर रही हैं?, इसके अलावा और कितने बच्चे इनके जाल में फंसे हैं?, और सबसे अहम और महत्वपूर्ण सवाल इस पूरे खेल का मकसद क्या है?, किसके लिए इस खेल को खेला जा रहा है?. ये सभी सवाल अब तक रहस्य बने हुए हैं

गुजरात में नित्यानंद के सबसे खास अमिताभ शाह और मंजुला श्रॉफ को माना जाता है लेकिन अभी तक किसी भी तरीके की कार्रवाई इन लोगों पर नहीं की गई. हां इतना जरुर है डीपीएस स्कूल के कथित कनेक्शन के बाद जांच जारी है. लेकिन मिल रही जानकारी के अनुसार गुजरात शिक्षा विभाग का एक आला दर्जे का अधिकारी बलात्कारी बाबा का शिष्य है ऐसे में जांच को लेकर कुछ कहना वर्तमान परिस्थिति को देखकर सिर्फ शाब्दिक व्याभीचार से ज्यादा कुछ नहीं है.

सबसे अहम सवाल

अमिताभ शाह और मंजुला श्रॉफ की इस षडयंत्र में भुमिका क्या थी?, अमिताभ शाह और मंजुला पूजा श्रॉफ का ढोंगी बाबा के साथ किस प्रकार के संबंध हैं?, नित्यानंद को गुजरात लाने में इन दोनों गुर्गों की क्या भुमिका थी?, अहमदाबाद में चलने वाले इस कर्म और कुकर्म में कितनी हिस्सेदारी इन शिष्यों की थी?, क्या बिना मंजुला श्रॉफ के परमीशन के प्रींसिपल जमीन को भाड़े पर दे सकता था?, क्या मंजुला श्रॉफ डीपीएस स्कूल और दूसरी शैक्षणिक संस्थाओं में मिलने वाली जिम्मेदारी को लेकर गंभीर नहीं थीं?, अगर मंजुला को भी स्कूल में चलने वाले इस आश्रम के बारे में जानकारी थी तो सिर्फ प्रिंसिपल को ही बलि का बकरा क्यों बनाया गया और गिरफ्तारी सिर्फ उसी एक की क्यों हुई?, मंजुला और अमिताभ का नित्यानंद के साथ का रिश्ता आईने जैसा साफ है बावजूद इसके सिस्टम मामले को लेकर मौन क्यों है?.

मंजूला श्रॉफ सरकारी कंपनी में डायरेक्टर हैं. अमिताभ शाह उत्तर भारत के पहाड़ियों पर स्नो फोल का मजा ले रहे हैं, ढोंगी बाबा फरार चल रहा है. पूरे मामले में शामिल निचले स्तर के प्यादाओं पर कानूनी सिकंजा कसा जा रहा है. इतना ही नहीं मामले की जांच भी बाबा के भक्त कर रहे हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि मामले के पीड़ितों को इंसाफ कब मिलेगा और कैसे मिलेगा.