जल्द ही सोशल मीडिया एप का इस्तेमाल करने वाले करोड़ों यूजर्स को अपना वेरिफिकेशन कराना पड़ सकता है. सरकार इसके लिए ससंद के शीतकालीन सत्र में नया विधेयक पेश करने की तैयारी बना रही है. इस बिल के पास होने पर व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक जैसे एप का इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स को पहले वेरिफिकेशन कराना होगा. सरकार इस बिल को इसलिए पास करवाना चाहती है ताकि फर्जी खबरों (फेक न्यूज) के प्रसार पर लगाम लगाया जा सके. इसके लिए इन कंपनियों को अपने यहां पर एक ऐसा मैकेनिज्म तैयार करना पड़ेगा. वहीं इस वेरिफिकेशन को कंपनियों को पब्लिक में दिखाना भी पड़ेगा, जैसा ट्विटर में होता है.
इनसे होगा वेरिफिकेशन
मिल रही जानकारी के मुताबिक यूजर्स को अपनी केवाईसी करानी होगी. इसके लिए वो पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड या फिर पासपोर्ट जैसे सरकारी डॉक्यूमेंट दे सकेंगे. इससे सोशल मीडिया पर चल रहे फर्जी अकाउंट को हटाने में और उनकी जानकारी मिलने में सरकार को मदद मिलेगी.
कैबिनेट ने पास किया था निजी डाटा संरक्षण बिल
निजी डाटा चुराने पर अब कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों को तीन साल की जेल भी हो सकती है और कंपनी को 15 करोड़ रुपये तक या उसके वैश्विक टर्नओवर का चार फीसदी जुर्माना भी देना पड़ सकता है. कैबिनेट से निजी डाटा संरक्षण विधेयक, 2019 को मंजूरी मिलने के बाद अधिकारियों ने बताया कि इस विधेयक में निजी डाटा की चोरी करने या फिर उसका बेजा इस्तेमाल करने पर रोक लगाने के कई प्रावधान किए गए हैं.
अब सरकार संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र में इसके लिए विधेयक पेश करेगी. सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि इस बिल की चर्चा पहले संसद में की जाएगी. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने विधेयक को कैबिनेट और दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के पास भेज दिया है.