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नये नवेले नेता बने युवराज जाडेजा सरकार में, छात्र मैदान में

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गांधीनगर: बिन सचिवालय परीक्षा में होने वाली गड़बड़ी के विरोध में आंदोलन करने वाले छात्र अब भी गांधीनगर में डंटे हुए हैं. छात्रों की मांग है कि परीक्षा रद्द करने के अलावा हमें कोई दूसरा विकल्प मंजूर नहीं. और इसी मांग को लेकर पूरे गुजरात के छात्र गांधीनगर में जमा हुए थे. लेकिन आज सुबह छात्र नेता के रुप में उभरने वाले युवराज जाडेजा ने ऐलान किया कि अगर मामले की जांच के लिए एसआईटी की रचना की जाए तो हम अपना आंदोलन समेट लेंगे. सरकार ने इस बीच काफी सोच-विचार करने के बाद शाम को प्रदीप सिंह जडेजा को छात्र नेताओं के साथ संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस करने के लिए भेजा. जाडेजा ने छात्रों की मांग को मद्देनजर रखते हुए एसआईटी की रचना का ऐलान कर दिया. लेकिन अब भी छात्रों का आंदोलन जारी है. ऐसे में लोग सवाल कर रहे हैं क्या नये नवेले नेता युवराज से गुजरात सरकार के सेटिंग कर लिया.

आंदोलन करने वाले छात्र मांग कर रहे हैं कि हमें एसआईटी की जरुरत नहीं हमें इंसाफ चाहिए और जब तक परीक्षा रद्द करने का ऐलान नहीं किया जाएगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा. आंदोलन करने वाले छात्र अब सवाल पूछ रहे हैं कि युवराज जाडेजा कौन है जिसने हजारों की तादाद में आंदोलन करने वाले छात्रों के साथ किसी भी तरीके की बातचीत किये बिना सरकारा के साथ समझौता कर सरकार की गोद में बैठ गया.

गौरतलब हो कि कल सुबह से ही आंदोलन करने वाले छात्रों की आज गांधीनगर में दूसरी रात है. बावजूद इसके छात्र परीक्षा रद्द करने की मांग पर डंटे हुए हैं. जबकि युवराज जाडेजा ने सरकार से समझौता कर लिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि आंदोलन कर क्या सियासत में जाने का क्या आज के दौर में एक नया तरीका हो गया है. क्योंकि गुजरात में जितने भी आंदोलन इन दिनों हुए हैं उसके मुख्य चेहरा किसी ना किसी पार्टी के साथ जुड़कर अपनी सियासी रोटी सेंक रहे हैं.

एसआईटी में नहीं शामिल छात्र

आज प्रदीप सिंह जाडेजा ने छात्र नेताओं के साथ प्रेस कान्फ्रेंस कर ऐलान किया कि मामले की जांच के लिए छात्रों की मांग पर एसआईटी का गठन कर दिया गया है. लेकिन इस टीम में कोई भी छात्र को शामिल नहीं किया गया. ना ही जिन अधिकारियों को टीम में शामिल करने की छात्र मांग कर रहे थे ऐसे अधिकारियों को इस टीम में जगह दी गई.

हम भीख नहीं मांगते इंसाफ चाहिए

कल से भूखे-प्यासे आंदोलन करने वाले छात्र सरकार के ऐलान के बाद भी नाराज नजर आ रहे हैं. छात्र मांग कर रहे हैं कि हमें इंसाफ चाहिए भीख नहीं. छात्र एसआईटी की गठन को सिर्फ और सिर्फ लोलीपॉप मान रहे हैं. और छात्र नेता युवराज पर सेटिंग करने का आरोप लगा रहे हैं

कहा गए नये नवेले नेता युवराज?

एक दिन पहले छात्रों को इंसाफ दिलवाने के लिए कंधा से कंधा मिलाकर खड़े रहने वाले युवराज सरकार से सेटिंग करने के बाद छात्रों को धोखा देते हुए मैदान छोड़कर फरार हो गए. ऐसे में आंदोलन करने वाली बहनें कह रही हैं कि युवराज कहां चले गए हम लोगों को बीच रास्ते में छोड़कर. लेकिन ये छात्र हार मानते हुए नजर नहीं आ रहे हैं और परीक्षा को रद्द करवाने की मांग पर अडिग नजर आ रहे हैं.