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CAA और NRC के बाद मोदी सरकार NPR लाने की कर रही है तैयारी, किस तरह होगी भारत में नागरिकों की गणना

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नरेंद्र मोदी सरकार नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) लाने की तैयारी कर रही है. जिसके तहत भारतीय नागरिकों के बायोमेट्रिक और वंशावली का दर्ज किया जाएगा. रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने हाल में कहा था कि असम के अलावा पूरे देश में NPR पर काम शुरू किया जाएगा. नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के अंतर्गत 1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 तक असम के लिए अलावा देशभर में घर- घर जाकर ये जनगणना की जाएगी.

कैसे होगी पूरी प्रक्रिया

नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर में प्रत्येक नागरिकों को जानकारी रखी जाएगी. ये नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है. आपको बता दें, कोई भी निवासी जो 6 महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में निवास कर रहा है तो उसे NPR में अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होता है.

कैसे होगा सर्वे

नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर में तीन प्रक्रिया होगी. पहले चरण यानी अगले साल एक अप्रैल 2020 लेकर से 30 सितंबर के बीच केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी घर-घर जाकर आंकड़े जुटाएंगे. वहीं दूसरे चरण 9 फरवरी से 28 फरवरी 2021 के बीच पूरा होगा. तीसरे चरण में संशोधन की प्रक्रिया 1 मार्च से 5 मार्च के बीच होगी.

क्या है उद्देश्य

सरकारी योजनाओं के अन्तर्गत दिया जाने वाला लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे और व्यक्ति की पहचान की जा सके.

नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के द्वारा देश की सुरक्षा में सुधार किया जा सके और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में सहायता प्राप्त हो सके.

देश के सभी नागरिकों को एक साथ जोड़ा जा सके.