महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी की मुसीबत बढ़ने जा रही है. दरअसल, प्याज, अन्य सब्जियां और दालों के बाद अब खाने का तेल (Edible Oil) भी महंगा होने जा रहा है. बता दें कि पिछले 2 महीने के दौरान खाने के तेल की कीमतों में 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वहीं अगर 1 साल की बात करें तो खाद्य तेल का दाम 8 फीसदी से लेकर 40 फीसदी तक महंगा हो गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार की पाम ऑयल (Palm Oil) के ऊपर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने की योजना थी, लेकिन मलेशिया के प्रधानमंत्री के एनआरसी (NRC) के ऊपर दिए गए बयान के बाद अब सरकार इस योजना को टाल सकती है. अगर सरकार इस फैसले को टालती है तो खाने के तेल की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले 1 साल में पाम ऑयल की कीमतों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली है. इस दौरान पाम ऑयल का भाव करीब 40 फीसदी बढ़ गया है. बता दें कि पिछले साल पाम ऑयल का दाम 518 डॉलर प्रति टन के आस-पास था जो कि इस साल बढ़कर 725 डॉलर प्रति टन हो गया है. बता दें कि इस साल मलेशिया में पाम ऑयल के उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज की गई है. यही वजह है कि मलेशिया की सरकार ने पाम ऑयल के एक्सपोर्ट पर ड्यूटी लगा दी है.
पाम ऑयल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए भारत सरकार की इंपोर्ट ड्यूटी (Import Duty) को घटाने की योजना थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार की योजना इंपोर्ट के ऊपर 5 फीसदी ड्यूटी लगाने की योजना थी. वहीं अब ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि मलेशिया के प्रधानमंत्री के NRC को लेकर आए बयान के बाद अब भारत सरकार अपनी योजना से पीछे हट सकती है.