कोरोना वायरस के संक्रमण के डर के कारण देश में कई जेलों से कैदियों को छोड़े जाने की कवायदों के बीच भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने आसाराम बापू की भी रिहाई की मांग की है. नाबालिग से दुष्कर्म मामले में जेल की हवा खा रहे आसाराम की अधिक उम्र और बीमारी का हवाला देते हुए स्वामी ने उसकी रिहाई की मांग की है.
जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद 1375 कैदियों में आसाराम बापू भी है. बीते दिनों कोरोना के बहाने खुद को पैरोल पर छोड़े जाने की मांग को लेकर आसाराम के भूख हड़ताल पर बैठने की भी खबर आई थी. बताया जाता है कि आसाराम को कोरोना के कारण कैदियों के बीच डर लग रहा है. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सोमवार को एक ट्वीट किया, ‘यदि दोषी करार कैदियों को छोड़ा जा रहा है तो गलत तरीके से दोषसिद्ध करार 85 वषीर्य बीमार आसाराम बापू को पहले छोड़ना चाहिए.’
If convicted prisoners are being released by Government then the falsely found guilty and 85 year old ailing Asaram Bapu should be released first
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 30, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों एक याचिका की सुनवाई करते हुए कोरोना वायरस के खतरे के कारण जेलों के इंतजाम पर सवाल खड़े किए थे. क्षमता से कई गुना ज्यादा कैदियों के होने पर राज्य सरकारों को कुछ को पैरोल पर छोड़ने का सुझाव दिया था. पैरोल पर वे कैदी छोड़े जाते हैं जिनका जेल में चाल-चलन ठीक पाया जाता है.
सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर अमल करे हुए उत्तर प्रदेश गुजरात सहित कई राज्यों में कैदियों को छोड़ने की कवायद चल रही है. ऐसे में सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी आसाराम बापू को छोड़ने की मांग उठाई है.
जोधपुर के निकट स्थित आसाराम के मनाई आश्रम में रहने वाली एक नाबालिग छात्रा ने आसाराम पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था. एक अगस्त, 2013 को उजागर हुए इस मामले में 31 अगस्त, 2०13 को आसाराम की इंदौर से गिरफ्तारी हुई थी. वहीं, 25 अप्रैल को जोधपुर की अदालत ने उन्हें नाबालिग से दुष्कर्म करने का दोषी माना था. तब से आसाराम बापू जेल में बंद हैं.