गुजरात के अलग-अलग हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए अक्सर किसी ना किसी प्रकार की परेशानियों वाली खबर आती रहती है. दरअसल जो प्रवासी मजदूर प्राइवेट साधनों से घर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था उनके सपने पानी उस वक्त फिर गया जब तीन राज्यों ने अपनी सीमा सील करने का फैसला किया. लेकिन अच्छी खबर ये है कि देश के अलग-अलग राज्यों के मुकाबले मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में प्रवासी मजदूर श्रमिक ट्रेनों से पहुंच रहे हैं.
स्क्रिनिंग और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अपने राज्यों में जाने के इच्छुक प्रवासी मजदूरों की लिस्ट बनकर तैयार है. ऐसे में तीन राज्यों ने श्रमिकों के आने पर प्रतिबंध लगा दिए जाने से श्रमिकों का घर जाने का सपना अब शायद की कभी पूरा हो पाएगा. इनकी घर वापसी अटक गई है. इस समय यहां टेक्सटाइल में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के कारीगर लाखों की संख्या में हैं. इनसे व्यापारी वर्ग भी जुड़ा हुआ है.
800 श्रमिकों की अर्जियां पेंडिंग
घर वापसी के लिए रविवार को हुई 800 ऑनलाइन अर्जियां स्थगित कर दी गईं. कलेक्टर कार्यालय में जो अर्जियां आई हैं, उसमें अधिकांश मजदूर बिहार, राजस्थान और यूपी के हैं. इसमें से कई लोगों ने निजी वाहन से जाने का आवेदन दिया है. अब सीमाएं सील होने से वे नहीं जा पा रहे है. अब इन्हें तीनों राज्यों की सीमाएं खुलने का इंतजार है. लेकिन ऐसे लोग ट्रेन से सफर कर अपने घर वापस जा सकते हैं.
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