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अहमदाबाद: प्रवासी मजदूरों के साथ धोखाधड़ी, श्रमिक ट्रेन का बेचा फर्जी टोकन

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गुजरात में लॉकडाउन के दौरान सर्वाधिक मुश्किल प्रवासी श्रमिकों को अपने वतन लौटने में उठानी पड़ी. सरकार ने विशेष श्रमिक ट्रेनें चलाईं लेकिन व्यवस्था ऐसी निर्धारित की जिससे स्थापित हितों को इसका दुरुपयोग करने का मौका मिल गया. श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रियों की सूची बनाने से लेकर उन्हें टोकन-टिकट देने का सिस्टम ऐसा रखा गया कि हर कोई इनको लेकर दुविधा में रहा. सूरत में श्रमिकों को लाखों रुपये की चपत लग गई और अहमदाबाद से भी धांधली की खबर है.

अहमदाबाद में रामोल पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जो प्रवासी मजदूरों को फर्जी टोकन देते थे और इसके एवज में प्रति टोकन एक हजार रूपये एंठते थे. आरोपियों पर 300 फर्जी टोकन देने का आरोप है, जिससे उन्होंने लगभग तीन लाख रुपये का गबन किया.

अहमदाबाद में प्रशासन ने स्थानीय उत्तर भारतीय विकास परिषद को यह काम सौंपा था कि वे जरूरतमंद श्रमिकों की तलाश करके उनकी सूची बनाये और उन्हें टोकन प्रदान करे. इसके लिये सरकार द्वारा तय किराया वसूल करना था. जब ट्रेन का समय सुनिश्चित हो जाए तो टोकन लेकर श्रमिकों को उनका टिकट देकर एसटी बसों से रेलवे स्टेशन पहुंचा कर ट्रेन में सवार कराना था.

इस पूरी प्रक्रिया में आरोपियों ने यह तोड़ निकाल लिया कि उन्होंने उत्तर भारतीय विकास परिषद द्वारा दिये जा रहे टोकन जैसे ‌ही फर्जी टोकन बना लिये और मजबूर मजदूरों को विश्वास में लेकर उन्हें एक-एक हजार रूपये में टोकन थमा दिये.

इस संबंध में रामोल पुलिस थाने में शिकायत‌ किये जाने पर सिनियर पीआई एस के दवे के मार्गदर्शन में पुलिस ने जांच की और निकोल रोड़ पर मराठी की चाली में रहने वाले सजयं श्रीकांत मिश्रा, नरोडा पर गणेश विहार एपार्टमेंट में रहने वाले ‌आदित्य सुरेश शुक्ला और ओढव निवासी अशोक हसंह राजपूत को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपियों से 25 हजार रूपये नगद और चार मोबाईल जब्त किये हैं.

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