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गुजराती खिचड़ी खाना चाहते हैं स्कॉट मॉरिसन, पीएम मोदी ने कहा- सपरिवार आइए

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पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. इस मौके पर पीएम मोदी ने समोसे वाली तस्वीर के साथ भारत प्रेम दिखाने वाले मॉरिसन को सपरिवार भारत आने का न्योता दिया. वहीं स्कॉट मॉरिसन ने भारत आकर खिचड़ी खाने की इच्छा जाहिर की.

इस वर्च्यूअल मीटिंग में कोरोना वायरस, दोनों देशों के संबंधों और एशिया पसेफिक क्षेत्र पर बातचीत हुई. पीएम मोदी ने कहा कि यह वक्त दोनों देशों के और नजदीक आने का है. वहीं स्कॉट ने पीएम मोदी के नेतृत्व की तारीफ की. बातचीत में स्कॉट ने यह भी कहा कि वह भारत आने पर गुजराती खिचड़ी खाना चाहेंगे. मालूम हो कि मॉरिसन ने हाल ही में भारतीय समोसे और आम की चटनी की फोटो सोशल मीडिया पर साझा की थी जिस पर पीएम मोदी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी.

बातचीत की शुरुआत में स्कॉट मॉरिशन ने पहले भारत को नमस्ते बोला. उन्होंने जी-20 में मोदी की भागीदारी की तारीफ की. स्कॉट ने कहा कि दोनों देशों के संबंध और मजबूत करने का वक्त आ गया है. पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन को ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय का और खास तौर पर भारतीय छात्रों का जिस तरह ध्यान रखा है, उसके लिए आभार प्रकट किया.

स्कॉट मॉरिशन ने पीएम मोदी के होलोग्राम कैंपेन का भी जिक्र किया. स्कॉट ने कहा कि मोदी ने बहुत पहले ही होलोग्राम से चुनावी कैंपेन शुरू कर दिया था. आशा है आनेवाले वक्त में मोदी अपना एक होलोग्राम ऑस्ट्रेलिया में भी भेजेंगे. इसपर मोदी ठहाके लगाकर हंसने लगे.

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री से पीएम मोदी ने कहा, ”भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को और सशक्त करने के लिए यह उत्तम समय है, उत्तम मौका है. अपनी दोस्ती को और मज़बूत बनाने के लिए हमारे पास असीम संभावनाएं हैं. भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने सम्बन्धों को व्यापक तौर पर और तेज गति से बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. यह न सिर्फ हमारे दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि ‘इंडो पेसिफिक’ क्षेत्र और विश्व के लिए भी आवश्यक है.”

पीएम मोदी ने आगे कहा, “वैश्विक महामारी के इस काल में हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी की भूमिका और महत्वपूर्ण रहेगी. विश्व को इस महामारी के आर्थिक और सामाजिक दुष्प्रभावों से जल्दी निकलने के लिए एक समन्वित और सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है. हमारी सरकार ने इस संकट को एक अवसर की तरह देखने का निर्णय लिया है. भारत में लगभग सभी क्षेत्रों में व्यापक रिफार्म की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. बहुत जल्द ही ग्राउंड लेवल पर इसके परिणाम देखने को मिलेंगे.”

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