सैन्य स्तर पर होने वाली बातचीत और भारत के आक्रामक तेवर की वजह से चीन सेना गलवान की घाटी में पीछे हटने को मजबूर हो गई है. माना जा रहा है कि सैन्य स्तर पर होने वाली आपसी सहमती के बाद चीनी सैनिक 2 किलोमीटर पीछे हटे हैं. इसे सीमा पर तैनात सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया का पहला पड़ाव माना जा रहा है. इतना ही नहीं जिस जगह पर बीते दिनों दोनों सौनिक के बीच हिंसक झड़प हुई थी उसे बफर घोषित किया गया है ताकि आगे ऐसी हिंसक घटना दूसरी बार ना हो.
मिल रही जानकारी के अनुसार दोनों देशों के बीच तीसरे चरण की सैन्य स्तर पर होने वाली बातचीत में सहमती बनी थी कि सीमा से सैनिकों को पीछे हटाया जाए. इसी सहमती के तहत ही चीनी सैनिक गलवान घाटी से 2 किलोमीटर पीछे हटने को मजबूर हुए हैं. जिस गलवान घाटी को चीन अक्सर अपना होने का दावा करता है.
गौरतलब हो कि 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच होने वाले हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. चीन सैनिकों के इस कायराना हमले के बाद पूरे भारत में गुस्से का माहौल देखने को मिला. इस हमले के बाद दोनों देशों को रिश्तों में भी तनाव आ गया था. लेकिन दोनों देशों की सेना इस मामले को शांति से हल करने के पक्ष में थे.
बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेह का दौरा कर सीमा पर तैनात जवानों से मुलाकात कर उनकी हौसला अफजाई की थी. उन्होंने इस मौके पर चीन को चेतावनी भी दिया था. इतना ही नहीं चीन के इस हमले के बाद से भारत में भी सियासत तेज हो गई है. लेकिन इतना तो साफ है कि चीनी सैनिकों का पीछे हटना भारत के लिए किसी बड़ी कामयाबी से कम नहीं.
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