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बेरोजगार आंदोलन से अलग हुए युवराज, सरकारी भर्ती के नाम पर राजनीति का लगाया आरोप

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गांधीनगर: गुजरात में सरकारी भर्ती को लेकर होने वाली अनियमितताओं के खिलाफ होने वाले आंदोलन का नेतृत्व करने वाले युवराज सिंह ने अचानक शिक्षित युवा बेरोजगार समिति से अपना नाम वापस ले लिया है. इसके साथ ही युवराज ने भर्ती मामले में राजनीति का आरोप लगाते हुए कोई भी आंदोलन नहीं करने का फैसला किया है.

बेरोजगार आंदोलन से हटने वाले युवराज सिंह ने कहा, “मैं छात्रों के साथ हूं, लेकिन जातिवादी समीकरणों और राजनीति से दूर हूं” युवराज सिंह ने आंदोलन से अपना नाम वापस लेते हुए कहा कि कुछ नेता आंदोलन के नाम पर राजनीतिक रोटी सेंक रहे है, सरकारी भर्ती के मुद्दे को जातिवाद का रंग नहीं दिया जाना चाहिए. 1-8-18 के परिपत्र के निपटारे के बारे में चर्चा हुई. कुछ लोग जीआर को लेकर राजनीति कर रहे हैं. हमारा आंदोलन जारी रहेगा और हम युवाओं के लिए लड़ते रहेंगे.

इससे पहले प्रवीण राम ने भी बेरोजगार आंदोलन से अपना नाम वापस ले लिया था. अब जब युवराज सिंह ने आंदोलन से अपना नाम वापस ले लिया है जिसके बाद अब उनके समर्थक युवा किसी भी तरह के आंदोलन में भाग नहीं लेंगे.
युवराज सिंह के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए, प्रवीण राम ने कहा, “यह दुखद है कि युवराज सिंह आंदोलन से अपना नाम वापस ले लिया है.” ऐसा लगता है कि आंदोलन को तोड़ने की मानसिकता वाले लोग सफल हो रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 के अंत में, बिनसचिवालय क्लर्क की परीक्षा में होने वाली अनियमितता को लेकर गांधीनगर में छात्रों ने उग्र आंदोलन किया था. पूरे आंदोलन का नेतृत्व युवराज सिंह ने परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर किया था.

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