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पूर्व DGP चितरंजन सिंह 4 मजूदरों के मौत की जिम्मेदार चिरीपाल ग्रूप की विशाल कंपनी में निदेशक

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दीपक मस्ला, अहमदाबाद: सिमोज धोणी रोड पर स्थित चिरीपाल ग्रूप की विशाल फैब्रिक्स की कैमिकल टेंक में से कचरा साफ करने उतरे चार मजदूरों की शनिवार को मौत हो गई थी. घटना के बाद से ही इसकी हकीकत को छिपाने की चर्चा चल रही थी. लेकिन अब चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि इस कंपनी में पूर्व डीजीपी चितरंजन सिंह स्वतंत्र निदेशक हैं. इसीलिए माना जा रहा है कि पुलिस घटना को लेकर लापरवाही और उदासीनता दिखा रही थी. लेकिन हादसे के बाद से लगातार दबाव बढ़ने के बाद अंत में एएसपी नितेश पांडे ने मृतकों के रिश्तेदारों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज करने का आदेश जारी किया है. जिसके बाद कोठ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई है.

घटना और इसके साथ के घटनाक्रम पर एक नजर

चिरीपाल की सिमोज धोणी रोड पर स्थित विशाल फैब्रिक्स में 4 मजदूरों की शनिवार को मौत
कंपनी की लापरवाही की वजह से मजदूर कैमिकल टेंक में से कचरा साफ करने के लिए उतरे थे
इसके लिए कंपनी द्वारा श्रमिकों को कोई सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए थे
जिसकी वजह से एक के बाद एक चार मजदूरों की मौत रसायन के चपेट में आने से हुई थी
गंभीर लापरवाही के बावजूद कोठ पुलिस स्टेशन के अधिकारी एच आर पटेल ने कोई कार्रवाई नहीं की
मीडिया से जानकारी छिपाने की पुलिस सब इंस्पेकटर पर लगा आरोप
PSI पटेल ने आरोपियों को बचाने के लिए शिकायत की कॉपी ना मिले इसके लिए कोशिश की.
पटेल को बार-बार फोन करने के बावजूद उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया

भारी दबाव के बाद रमेश कांतिभाई वाघेला के खिलाफ मामला दर्ज किया गया

एएसपी नितेश पांडे के निर्देशों के बाद कोठ पुलिस ने मृतक प्रवीण राठौर के चाचा महोबतसिंग राठौर की शिकायत के आधार पर रमेश कांतिभाई वाघेला के खिलाफ मामला दर्ज किया है. चार मजदूरों की मौत के बाद पुलिस पर कद्दावर लोगों का भारी दबाव आया था. राजनेता और सरकारी अधिकारी भी पुलिस अधिकारियों को फोन कर दबाव डाल रहे थे. हालांकि भारी दबाव के बाद देर रात पुलिस ने मामला दर्ज किया. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अगर आरोपी ठेकेदार हकीकत बताता है तो कंपनी के कई बड़े लोगों का नाम आरोपियों की लिस्ट में शामिल हो सकता है.

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पहले तो पूर्व डीजीपी ने निदेशक होने से किया इनकार

जिस चिरीपाल कंपनी की विशाल फैब्रिक्स में चार मजदूरों के मौत के बाद हंगामा मचा हुआ है उसके निदेशक पूर्व डीजीपी चितरंजन सिंह हैं. इस सिलसिले में चितरंजन सिंह से गुजरात एक्सक्लूसिव ने बात की तो उन्होंने पहले तो कंपनी में निदेशक होने की बात से इनकार कर दिया और कहा कि वह कंपनी में सिर्फ सिक्योरिटी को संभालते हैं. लेकिन जब उनसे एक बार फिर से पूछा गया कि उनका नाम निदेशकों की सूची में है, तो उन्होंने कहा कि वह कंपनी में इंडिपेंडंट केपेसिटी डायरेक्टर का पद संभाल रहे हैं.

पूर्व डीजीपी चितरंजन सिंह विशाल फैब्रिक्स के साथ-साथ शांति एजुकेशन इनिसिएटिव में भी डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं. सूत्रों ने बताया कि शनिवार को विशाल फैब्रिक्स में चार श्रमिकों की मौत के पीछे सुरक्षा का गैरजिम्मेदाराना रवैया ही जिम्मेदार है.

गौरतलब है कि इसी साल फरवरी में नारोल के चिरीपाल समूह की नंदन डेनिम में भी घोर लापरवाही के कारण सात श्रमिकों की जलने की वजह से मौत हो गई थी. वहां भी फायर सेफ्टी के नाम पर कुछ भी नहीं था. विशाल फैब्रिक्स में भी ऐसी ही घटना दोहराई गई . वहां भी श्रमिकों को सुरक्षा का उपकरण मुहैया नहीं कराया गया था. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि सरकार ऐसे धनपुशओं को बचाने की कोशिश करेगी कि या फिर 11 निर्दोष मजदूरों के मौत के मामले में चिरीपाल ग्रूप की जिम्मेदारी तय करेगी.

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