अहमदाबाद: निजी स्कूल फीस मामले को लेकर गुजरात हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर आज सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए गुजरात सरकार और अभिभावकों को बड़ा झटका दिया है.
गुजरात उच्च न्यायालय ने फीस माफी को लेकर राज्य सरकार की ओर से जारी परिपत्र को रद्द करने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने सर्कुलर के बाकी बिंदुओं को बरकरार रखा है. अदालत कुछ दिनों में विस्तृत आदेश जारी करेगी.
हाईकोर्ट ने गुजरात सरकार के प्रस्ताव को अमान्य घोषित कर दिया है. उच्च न्यायालय ने कहा कि सरकार स्कूल शुरू नहीं होने तक फीस नहीं लेने को लेकर संकल्प पत्र जारी नहीं कर सकती.
उच्च न्यायालय ने आगे कहा कि स्कूलों और अभिभावकों के बीच समन्वय बनाए रखा जाना चाहिए. स्कूल प्रशासक सरकार के साथ चर्चा कर अंतरिम समाधान खोजने की कोशिश करें.
उच्च न्यायालय से स्कूल प्रशासकों से कहा, “शिक्षण जारी रखें, हम संतुलन बनाने के मुद्दे पर ध्यान देंगे.”
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हाईकोर्ट ने क्या कहा?
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जब तक स्कूल शुरू नहीं हो तब तक सरकार शुल्क नहीं लेने का संकल्प पत्र जारी नहीं कर सकती
राज्य सरकार के संकल्प पत्र को स्कूल संचालकों ने बताया कानून के खिलाफ
स्कूल संचालक शिक्षण जारी रखें
दोनों पक्षों के बीच बातचीत निष्पक्ष होनी चाहिए
हम स्कूल प्रशासकों को आवश्यक निर्देश भी देंगे
अभिभावकों की समस्या और स्कूलों की लागत के बीच संतुलन बनाने की जरूरत
गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान स्कूलों द्वारा ऑनलाइन शिक्षा प्रदान की जा रही थी. इस बीच निजी स्कूल मनमाने ढंग से फीस वसूल रहे थे.
निजी स्कूलों द्वारा मांगी गई फीस पर रोक लगाते हुए शिक्षा विभाग ने अभिभावकों को राहत दी थी.
निजी स्कूल प्रशासकों ने तब ऑनलाइन शिक्षा बंद कर दी और सरकार के शुल्क प्रतिबंध संकल्प पत्र के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
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