अहमदाबाद अस्पताल आग्निकांड
- AMC से नहीं मिली थी फायर NOC
- शॉर्ट सर्किट से आग लगने की शंका
- 8 कोरोना मरीजों की हुई मौत
- मालिक से पूछताछ जारी
- अस्पताल के चार ट्रस्टी
- एक कोरोना संक्रमित, बाकी कैंसर से ग्रसित
अहमदाबाद के श्रेय अस्पताल में आग लगने से हुई आठ मरीजों की मौत में कई बड़ी जानकारियां सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक, श्रेय अस्पताल के पास अनिवार्य फायर NOC नहीं था.
इसके अलावा, यह सवाल भी उठता है कि जब अनिवार्य NOC मंजूरी नहीं थी तो एएमसी ने अस्पताल को कोरोना अस्पताल के रूप में क्यों घोषित किया.
8 कोरोना मरीजों की हुई मौत
गौरतलब है कि आज तड़के अस्पताल के आईसीयू यूनिट की चौथी मंजिल में आग लगने से कोरोना के आठ मरीजों की मौत हो गई.
इसके बाद बाकी मरीजों को एसवीपी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है.
कई गड़बड़ियों ने उठाए सवाल
शुरुआती जांच में पता चला है कि श्रेय अस्पताल अग्नि सुरक्षा के बिना काम कर रहा था और काफी समय में बिजली के तारों का कोई रख-रखाव नहीं किया गया था.
ऐसी संभावना जताई जा रही है कि शॉर्ट सर्किट के कारण अस्पताल में आग लगी होगी.
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यह भी सामने आया है कि अग्नि सुरक्षा उपकरणों का उचित रख-रखाव भी नहीं किया गया था.
जांच से यह भी पता चला कि अस्पताल में आग बुझाने के लिए सिर्फ 3 अग्निशामक यंत्र थे.
मीडिया रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि अस्पताल ने अवैध रूप से एक अतिरिक्त मंजिल का निर्माण किया था.
उसमें कैंटीन को भी अवैध रूप से चलाया जा रहा था.
हालांकि एएमसी अधिकारियों की ओर से इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है.
हिरासत में हैं मालिक
पुलिस ने अस्पताल के मालिक भरत महंत को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस एफएसएल और अग्निशमन विभाग की एक रिपोर्ट के बाद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करेगी.
फिलहाल दुर्घटना का मामला दर्ज कर लिया गया है. उधर क्राइम ब्रांच भी मामले की जांच कर रही है.
इस बीच गुजरात सरकार द्वारा इस घटना को देखने के लिए गठित दो-सदस्यीय टीम ने भी आग का विवरण एकत्र करने के लिए अस्पताल का दौरा किया.
चार ट्रस्टी में से एक कोरोना संक्रमित
जांच से पता चला है कि अस्पताल ट्रस्ट के माध्यम से चलाया जा रहा था और भरत महंत के अलावा तरंग पटेल, कीर्तिपाल विसाना और भार्गव महाराज भी ट्रस्टी थे.
चार ट्रस्टियों में से एक का कोरोना का इलाज चल रहा है जबकि अन्य कैंसर से जूझ रहे हैं.