गांधीनगर: मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना की घोषणा किया. इस योजना का लाभ राज्य के सभी किसानों को मिलेगा.
उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल और कृषि मंत्री आरसी फाणदू की उपस्थिति में मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना की घोषणा की गई.
इस योजना से आदिवासी किसान भी लाभान्वित होंगे.
फसल का नुकसान होने पर ऐसे मिलेगा लाभ
योजना की घोषणा करते हुए, सीएम रूपानी ने कहा, “किसानों को इस बार प्रीमियम नहीं भरना होगा. सूखा-भारी बारिश में भी इस योजना का लाभ मिलेगा.
खरीफ फसल के लिए ही इस योजना को लागू किया जाएगा. राज्य के सभी किसानों को 4 हेक्टेयर तक लाभ मिलेगा.
इस योजना के तहत अगर किसान को 33 से 60 प्रतिशत नुकसान होता है तो प्रति हेक्टेयर 20 हजार रुपया और अगर 60 प्रतिशत से अधिक नुकसान होता है तो 25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर सहायता की जाएगी.
किसानों के खातों में रुपया सीधा जमा किए जाएंगे.”
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इस योजना के अन्य प्रावधान
सीएम रूपाणी ने इस योजना को लेकर आगे जानकारी देते हुए कहा कि “इस योजना के अलावा जो किसान लाभार्थी एसडीआरएफ योजना के प्रावधानों के अनुसार लाभ प्राप्त करने के पात्र हैं, वे भी पात्र होंगे.
जमीन का रिकॉर्ड किसानों के आवेदन ऑनलाइन करने के लिए एक पोर्टल तैयार किया जाएगा. लाभार्थी किसानों को ई-ग्राम केंद्र पर जाकर पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा.”
सीधे किसानों के खाते में जमा होंगे पैसे
स्वीकृत सहायता का भुगतान सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से किया जाएगा. लाभार्थी किसानों के प्रश्नों का समाधान करने के लिए ग्रीवंस रिड्रेसल मैकेनिज्म की विशेष व्यवस्था स्थापित की जाएगी.
किसानों को ग्राम स्तर पर ई-ग्राम केंद्र पर ऑनलाइन आवेदन करने में मदद करने के लिए, ई-ग्राम केंद्र के वीएलई को 8 रुपया पारिश्रमिक भुगतान देना होदा.
इतना ही नहीं किसानों का मार्गदर्शन देने के लिए एक टोल फ्री नंबर शुरू की जाएगी.”
योजना के तहत आने वाली आपदाएं
भारी वर्षा
यदि बादल फटते हैं या लगातार भारी बारिश होती है, तो इसे भारी बारिश माना जाएगा. केवल दक्षिण गुजरात में यदि 48 घंटों में 35 इंच बारिश होती है तो इसे भारी बारिश माना जाएगा.
जबकि दक्षिण गुजरात के अलावा अन्य जिलों में 48 घंटों में 25 इंच बारिश होती है, तो इसे भी भारी बारिश माना जाएगा.
सूखा
यदि 10 इंच से कम बारिश होती है, तो इसे सूखा घोषित किया जाएगा या फिर राज्य में मानसून शुरू हो जाता है और 31 अगस्त तक दो बारिश के बीच लगातार चार सप्ताह का अंतर होता है तो इसे भी सूखा माना जाएगा.
गैर-मौसमी वर्षा
सीएम रूपानी ने कहा, “15 अक्टूबर से 15 नवंबर तक महेसुली तालुका में बारिश के गेज लगातार 48 घंटों में 50 मिमी से अधिक बारिश होती है. जिससे खेत में खड़ी फसलों को नुकसान होता है तो उसे भी गैर-मौसमी बारिश माना जाएगा.”
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