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कडी महाकाली मंदिर में 4 की हत्या मामला, 16 सालों बाद ATS की गिरफ्त में आरोपी

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अहमदाबाद: कडी के उटवा गांव की महाकाली मंदिर के एनआरआई ट्रस्टी सहित चार लोगों की 16 साल पहले निर्मम हत्या कर 15 लाख रुपये की लूट के वारदात को अंजाम देकर दपंती फरार हो गया था.

हत्या और लूटकांड के 16 वर्षों बाद गुजरात एटीएस की टीम ने तकनीकी निगरानी और खुफिया जानकारी के आधार पर हत्या और लूट के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है.

हत्या और लूट की वारदात के आरोपियों को पकड़ने के लिए गुजरात सरकार ने 51 हजार रुपये के इनाम की घोषणा भी किया था.

2004 की घटना

कडी के उटवा गांव की महाकाली मंदिर के एनआरआई ट्रस्टी चिमनभाई सोमचंदभाई पटेल अपनी बहू सुधाबेन के साथ 2003 में अमेरिका से आए थे.

महाकाली मंदिर में पूजा-पाठ करने के लिए साध्वी समतानंद पूर्णानंद भी रहती थीं.

इसके अलावा भुज के करमणभाई पटेल मंदिर के अन्य कामकाज संभालते थे और राजस्थान के मोहन वाघजी लोहार मंदिर में पत्थर का काम करता था.

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हत्या के बाद आरोपी दंपति हो गया था फरार 

3 अप्रैल 2004 की सुबह जब सुधाबेन पटेल मंदिर में आईं तो उनके ससुर सहित चार लोगों के शव देखा. आरोपी महेन्द्रसिंह और उसकी पत्नी राजकुमारी मंदिर में रखे 15 लाख रुपया लूटकर फरार हो गए थे.

राज्य सरकार ने लूट और हत्या के मामले में आरोपियों को पकड़ने के लिए 51,000 रुपये के इनाम की घोषणा की थी.

पुलिस को उस समय घटनास्थल पर हत्या जिस हथियार से किया गया था वह मिल गया था.

तकनीकी निगरानी के आधार पर हुई गिरफ्तारी 

16 सालों से फरार चल रहे आरोपी दंपति को पकड़ने के लिए गुजरात एटीएस की टीम पीआई सीआर जादव, आरके राजपूत, पीएसआई केएम भुवा, एमएस त्रिवेदी, एसएम सोनी, बीबी वंजारा और कांस्टेबल महेश चावड़ा मामले की जांच कर रहे थे.

पुलिस को सूचना मिली कि मामले का आरोपी महेन्द्रसिंह उर्फ ​​गोविंदसिंह अपना नाम और निवास बदलकर दिल्ली में छिपा हुआ है.

जानकारी हाथ लगने के बाद एटीएस की टीम ने तकनीकी निगरानी रखकर मध्य प्रदेश के दतिया जिले के सीमथरा गाँव के मूल निवासी गोविंदसिंह नंदराम यादव को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया.

गोविंद सिंह दिल्ली में एक ठेकेदार के रूप में काम कर रहा था. जबकि उसकी पत्नी राजकुमारी एक चाय की दुकान चला रही थीं. गोविद सिंह ने तीन शादियां की हैं.

हत्या में शामिल राजकुमारी उर्फ ​​डिस्को उसकी तीसरी पत्नी है. गोविंद सिंह की दूसरी पत्नी से एक बेटा रोहित है.

जो अपने पिता के साथ रहता है और एक बोलेरो गाड़ी चलाता है.

गोविंद सिंह इतना शातिर था कि उसने उस जगह पर अपना नाम गलत लिखवाया था जहां से हत्या के लिए सामान खरीदा था.

इसके अलावा, हत्या के बाद, आरोपी विभिन्न स्थानों पर चौकीदार और गार्ड के रूप में काम कर रहा था.

आरोपी के खिलाफ उसके गृहनगर में भी दो गंभीर मारपीट के मामले दर्ज किए गए हैं.

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