अहमदाबाद: दुनिया भर में ऊंची-ऊंची गगनचुंबी इमारते देखकर सभी गुजराती के मन में ये ख्याल आता था कि हमारे राज्य में ऐसी इमारतें क्यों नहीं बन सकती?
लेकिन अब गुजरातियों का ये सपना पूरा होने जा रहा है. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य के पांच महानगरों अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट और गांधीनगर में 70 से भी ज्यादा मंजिला इमारतें बनाने की मंजूरी दे दी है.
22 से 23 मंजिला ऊंची इमारतों को बनाने की थी अनुमति
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गुजरात के महानगरों को आधुनिकीकरण कर उन्हें विश्वस्तरीय शहर बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है.
राज्य में मौजूदा नियमों के अनुसार अधिकतम 22 से 23 मंजिला ऊंची इमारतों को बनाने की इजाजत दी जा रही थी.
लेकिन अब राज्य के पांच महानगरों में 70 से ज्यादा मंजिला गगनचुंबी इमारतों को बनाने की मंजूरी देने का फैसला किया गया है.
जिसके तहत राज्य के पांच महानागरों में सिंगापुर-दुबई जैसी गगनचुंबी इमारतें जल्द ही देखन को मिल सकती है.
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इन पांच महानगरों में बनेंगी सिंगापुर-दुबई जैसी गगनचुंबी इमारतें
सीएम रुपाणी ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट और गांधीनगर ये पांच महानगर अपनी अलग पहचान स्थापित कर सकें इस मकसद को लेकर ऊंची इमारतों के निर्माण के लिए मौजूदा सीजीडीसीआर -2017 में टोल बिल्डिंग-ऊंची इमारतों के लिए नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है.
राज्य में ऊंची इमारतों, टोल भवनों के लिए कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं.
बनाई जाएगी विशेष तकनीकी समिति
टोल बिल्डिंग का यह प्रावधान 100 मीटर से अधिक की ऊंचाई वाली इमारतों पर लागू होगा. भवन का अनुपात (न्यूनतम चौड़ाई: ऊंचाई) 1: 9 या अधिक हो ऐसी भवनों पर लागू होगा.
इसके अलावा यह प्रावधान D1 श्रेणी में AUDA/SUDA/VUDA/RUDA और GUDA इलाकों में लागू होगा. जहां वर्तमान में सीजीडीसीआर के अनुसार एफएसआई 1.2 या अधिक है.
ऐसी इमारतों के निरीक्षण के लिए एक विशेष तकनीकी समिति बनाई जाएगी.
प्राधिकरण को आवेदन करने के बाद यह विशेष तकनीकी समिति (एसटीसी) द्वारा सत्यापन और अनुमोदन के लिए सिफारिश की जाएगी. टीपी सड़कों पर 30 मीटर चौड़ाई या उससे अधिक की डीपी, टीपी रास्ते भी इसके लिए योग्य होंगे.
2500 वर्ग मीटर का न्यूनतम भूखंड आकार 100 से 150 मीटर की ऊंचाई और 150 मीटर से अधिक ऊंचाई के लिए 3500 वर्ग मीटर का न्यूनतम भूखंड आकार प्रदान किया जाएगा.
अधिकतम एफएसआई 5.4 मिलेगा. जिसमें प्रत्येक जोन का आधार एफएसआई मुक्त एफएसआई के रूप में उपलब्ध होगा. 50 प्रतिशत जंत्री दर का प्रीमियम एफएसआई प्रभार खुले गैर-कृषि भूखंड का जंत्री दर होगा.
आवासीय / वाणिज्यिक / मनोरंजन या इन तीनों में से कोई भी मिश्रित उपयोग के लिए पात्र होगा.
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