अहमदाबाद: विकास और प्रदूषण मुक्त नदियों की बात करने वाली रूपाणी सरकार अपने इस दावे को सफल नहीं कर पा रही है. स्वच्छ सर्वेक्षण सर्वे 2020 की अभी कल ही रिपोर्ट जारी की गई थी.
जिसमें गुजरात के 4 शहरों को शामिल किया गया था. केंद्र सरकार ने साबरमती और तापी दोनों नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए परियोजना को पूरा करने में अक्षम्य विलंब के लिए रूपाणी सरकार फटकार लगाई है.
केंद्र सरकार नदियों को साफ करने के लिए राज्य सरकार को धन आवंटित किया था लेकिन सरकार ने अभी तक काम पूरा नहीं किया है.
जिसकी वजह से केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए पत्र लिखा है.
केंद्र ने गुजरात सरकार को लगाई फटकार
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने 2014 में साबरमती नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए गुजरात सरकार को 444 करोड़ रुपया फंड दिया था. जिसके तहत इस परियोजना को 2018 से 2020 के बीच पूरा करना था.
लेकिन 6 साल बाद भी वह प्रोजेक्ट अभी तक पूरा नहीं हुआ है. जिसे लेकर केंद्र सरकार ने राज्य सरकार फटकार लगाई है.
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फंड मिलने के बाद भी नहीं हुआ काम पूरा
दूसरी ओर, राज्य सरकार को 16 महीने पहले तापी नदी की शुद्धिकरण के लिए भी धन आवंटित किया गया था. तापी नदी के शुद्धिकरण के लिए 971.25 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.
लेकिन तापी नदी की शुद्धिकरण का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है. विकास का बड़े-बड़े दावा करने वाली रुपाणी सरकार पैसा लेने के बावजूद भी परियोजना को पूरा करने में असफल रही है जिसकी वजह से केंद्र सरकार की फटकार खानी पड़ी है.
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सबसे स्वच्छ शहरों की घोषणा की थी.
जिसमें मध्य प्रदेश का इंदौर पहले और फिर दूसरे स्थान पर सूरत 5 वें स्थान पर अहमदाबाद, राजकोट 6 वें स्थान पर और वडोदरा 10 वां स्थान प्राप्त किया था. ऐ
से में सवाल ये उठ रहा है कि रूपाणी सरकार अहमदाबाद और सूरत में नदियों की शुद्धिकरण में देरी क्यों कर रही है.
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