लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तनाव की स्थिति को खत्म करने के लिए चीन और भारत की सेना लगातार सैन्य स्तर की बातचीत कर मामले को शांति से हल करने की कोशिश कर रही है.
लेकिन इस बीच आज तक जितने भी बातचीत का दौर चला है वह तमाम बेनतीजा निकले हैं.
ऐसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने दो टूक कह दिया है कि अगर चीन के साथ बातचीत का सिलसिला फेल होता है तो भारत अपने सैन्य विकल्पों की तैयारी कर सकता है.
अगर बातचीत हुई फेल तो भारत के पास सैन्य विकल्प मौजूद
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए सीडीएस जनरल रावत ने कहा, एलएसी पर जारी गतिरोध से निपटने के लिए सैन्य विकल्प तैयार हैं.
लेकिन इसका इस्तेमाल तभी किया जाएगा जब दोनों सेनाओं के बीच बातचीत और राजनयिक विकल्प से कोई हल नहीं निकलेगा.
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गुरुवार को हुई सैन्य स्तर की चौथी बैठक भी बेनतीजा
मिल रही जानकारी के अनुसार गुरुवार को होने वाली चौथी बैठक भी बेनतीजा रही. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन लद्दाख स्थित पैंगोंग त्सो इलाके से पीछे नहीं हटना चाह रहा है.
इतना ही नहीं दोनों देशों की ओर से होने वाली सैन्य स्तर के चौथे चरण के बैठक में भी गोगरा हाटस्प्रिंग को लेकर सहमति नहीं बन पाई जिसकी वजह से लंबी बैठक भी बेनतीजा रही.
तस्वीर सामने आने के बाद हरकत में भारतीय सेना
बीते दिनों ओपन सोर्स इंटेलिजेंस ने Detresfa ने एक सैटेलाइट तस्वीर जारी की है जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि चीनी सेना मानसरोवर झील के पार मिसाइल सिस्टम को लगाने का काम शुरू कर दिया है.
इतना चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने सरफेस टू एयर मिसाइल तैनात करने के लिए साइट का निर्माण शुरू कर दिया है.
सैटेलाइट तस्वीर सामने आने के बाद भारतीय सेना ने एलएसी पर तैनाती बढ़ा दी है. जिसके तहत फॉरवर्ड एयरबेस पर सुखोई-30 एमकेआई, मिग -29 और मिराज-2000 के बेड़े को चीनी को उसी की भाषा में जवाब देने के लिए तैनात कर दिया गया है.
सेना ने शिंजियांग और तिब्बत रीजन में वे होतान, गर गुंसा, काशघर, हॉपिंग, कोंका झांग, लिंझी और पंगत एयरबेस पर नजदीकी से नजर बनाए हुए हैं.
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