अहमदबाद: पिछले कुछ दिनों से पूरे गुजरात में लगातार मूसलाधा बारिश हो रही है. इस साल भी हर साल की तरह थोड़ी सी बारिश के बाद रोड-रास्ते टूटने से सरकार के विकास के दावे की पोल खुल गई.
जिसे देखकर ऐसा लगता है कि सरकार की विकास की बात सिर्फ कागज और सरकारी फाइलों में नजर आ रहे हैं.
ऐसे में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने ट्वीट कर राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है.
उन्होंने कुछ तस्वीरें अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा विकास से साधवान.
कोरोना कॉलर ट्यून की नहीं बल्कि नए कॉलर ट्यून लगाने की मांग
गुजरात में थोड़ी सी बारिश के बाद रोड-रास्तों की खस्ता हालत लोगों के सामने आ जाती है. सामान्य बारिश के बाद अहमदाबाद की स्थिति देखने के बाद इसे स्मार्ट सिटी नहीं बल्कि गड्ढों की नगरी कहा जाने लगता है.
क्योंकि हर दिन आने जाने वाले लोगों को रोड-रास्तों की खस्ताहाली की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
इस बीच कोरोना संकट से जूझ रहे लोगों को गुजरात में एक नई कॉलर ट्यून सुनाई देने लगी है.
इस कॉलर ट्यून के जरिए भाजपा सरकार पर हमला बोला जा रहा है.
કોરોના કોલર ટ્યુન ને બદલે આ નવી કોલર ટ્યુન નાખવાની જરૂર છે #WakeupGujarat pic.twitter.com/Ax5nYnALxC
— Parthesh (@parthesh_99) August 25, 2020
शंकर सिंह वाघेला ने किया रिट्वीट
कोरोना संकट से जूझ रहे देश में इन दिनों कोरोना से बचने के लिए तमाम लोगों को फोन करने के दौरान कोरोना कॉलर ट्यून सुनाई देती है.
लेकिन गुजरात में इस कॉलर ट्यून को बदलने की मांग की जा रही है. शंकर सिंह वाघेला ने #WakeupGujarat के साथ इसे रिट्वीट किया है.
इस कॉलर ट्यून में कहा जा रहा है कि “कोरोना कॉलर ट्यून के स्थान पर एक नया कॉलर ट्यून लगाने की जरूरत है.
पूरा गुजरात आज गड्ढों वाली सड़कों और खुले नाले से लड़ रहा है लेकिन याद रखें कि हमें गड्ढों से बचना है, गड्ढों में गिरना नहीं है.
ऐसी सड़क बनाने वाले बिल्डरों जैसे ठेकेदार, अध्यक्ष, अधिकारी आदि का पूरी तरह से विरोध करें. प्रतिरोध करने वाले योद्धाओं का ख्याल रखें. तो गुजरात बनेगा…”
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प्री-मॉनसून प्लान की खुली पोल
गौरतलब है कि मॉनसून सीजन शुरू होने से पहले हर साल अहमदाबाद नगर निगम प्री-मॉनसून प्लान बनाती है.
इस प्लान को बनाने में एक बड़े बजट का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन सामान्य बारिश के बाद ही नगर निगम के प्री-मॉनसून प्लान की पोल खुल जाती है.
बारिश के बाद अहमदाबाद शहर के रोड-रास्तों की हालत देखकर लगता ही नहीं है कि यह स्मार्ट सिटी है बल्कि इस लोग गड्ढों की नगरी कहने लगते हैं.
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