- गुजरात सरकार का एक और अहम फैसला
- प्राइवेट प्रयोगशाला में कोरोना टेस्ट की कीमतों को कम किया
- इससे पहले भी राज्य सरकार कीमतों में कर चुकी है कटौती
- गुजरात में बढ़ता जा रहा है कोरोना का कहर
गांधीनगर: गुजरात में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ता जा रहा है. माना जा रहा है कि कोरोना का भारी पैमाने पर होने वाले टेस्ट से ही इस वायरस पर लगाम लगाया जा सकता है.
क्योंकि लोगों को पता ही नहीं होता और वह लोगों के संपर्क में आकर लोगों को भी संक्रमित कर देते हैं.
ऐसे में गुजरात सरकार ने कोरोना टेस्ट को लेकर लिए जाने वाले चार्ज में कटौती करने का बड़ा फैसला किया है.
कोरोना टेस्ट की कीमतों में भारी कटौती
इससे पहले राज्य सरकार ने प्राइवेट प्रयोगशाला में कोरोना टेस्ट की कीमत को तय कर दिया था. जिसके तहत 2500 रुपया देना पड़ता था लेकिन अब इसमें कटौती कर 1500 रुपया कर दिया गया.
वहीं अगर किसी को घर पर अपना कोरोना टेस्ट कराना है तो उसे इससे पहले 3 हजार रुपया देना पड़ता था.
लेकिन राज्य सरकार ने अब इसमें भी भारी कटौती कर इसके लिए नई कीमत 2000 हजार तय किया गया है.
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कई संगठन से जुड़े लोग कीमतों को कम करने की कर रहे थे मांग
राज्य में सबसे पहले कोरोना टेस्ट के लिए 4500 रुपया तय किया गया था. लेकिन अहमदाबाद मेडिकल एसोसिएशन की मांग पर सरकार ने इसकी कीमत को कम करके 2500 रुपया कर दिया था.
बावजूद इसके गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों की पहुंच से दूर था इसलिए लोग कोरोना का टेस्ट नहीं कराते थे. इसीलिए कई संगठन से जुड़े लोग सरकार से लगातार इसकी कीमत को घटाने की मांग कर रहे थे.
मेडिकल एसोसिएशन ने की थी मांग
इससे पहले अहमदाबाद मेडिकल एसोसिएशन ने इस मामले को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को एक प्रस्ताव भेज कर मांग किया था कि कोरोना की जांच की कीमतों को तय किया जाए.
ताकि आम आदमी आसानी से कोरोना की जांच करा सकें. सरकार ने कीमतों को कम तो किया था बावजूद लोगों की पहुंच से दूर बताया जा रहा था.
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