भाजपा (BJP) के पूर्व सांसद देवजी फतेहपारा (Devji Fatehpara) को एक मामले में 2 साल की जेल की सजा सुनाई गई है. पूर्व सांसद द्वारा दिए गए एक बाउंस चेक के मामले में सजा सुनाई गई है. देवजी फतहपारा (Devji Fatehpara) के खिलाफ साल 2016 में एक मामला दायर किया गया था जिसमें बैंक द्वारा अकाउंट में पैसे ना होने के कारण 2 करोड़ रुपये का चेक लौटाया गया था.
कलोल की अदालत ने मामले के सिलसिले में उन पर 2.97 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह केस अहमदाबाद के थलतेज निवासी प्रभातसिंह ठाकोर ने दायर किया था. उनका चेक 13 अक्टूबर 2016 को बाउंस हुआ था.
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल प्रभातसिंह ठाकोर और देवजी फतेहपारा (Devji Fatehpara) के बीच लंबे समय से दोस्ती थी. फतेहपारा ने राजकोट में अपनी एक जमीन को ठाकोर के हाथों 1,48,50,000 रुपये में बेचने का फैसला किया.
खरीद-भरोख्त की बात पक्की हो गई. इसके बाद बिक्री के समझौते पर 25 अप्रैल 2014 को हस्ताक्षर किए गए और ठाकोर ने तय राशि का भुगतान फतेहपारा को कर दिया. इसके बाद में मामला फंस गया. किसी कारण से भूमि को आधिकारिक रूप से ठाकोर के नाम स्थानांतरित नहीं किया जा सका. ऐसे में देवजी फतेहपारा (Devji Fatehpara) ने जमीन की रकम लौटाने का फैसला किया.
अपर्याप्त धनराशि के कारण चेक बाउंस
पूर्व भाजपा सांसद ने भारतीय स्टेट बैंक की एसबीआई शाखा में मौजूद अपने बैंक खाते से एक चेक साइन किया. हालांकि बैंक द्वारा अपर्याप्त धनराशि होने के कारण जमा किए गए चेक को वापस कर दिया गया. इसके बाद ठाकोर ने फतेहपारा को कोर्ट में घसीटा. इसी सिलसिले में न्यायाधीश ने फतेहपारा को दो साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई है और उन पर 2.97 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया.