- हाथरस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार का चौंकाने वाला दावा
- हाथरस के बहाने उत्तर प्रदेश में जातीय दंगा करने की हो रही थी साजिश
- सुरक्षा एजेंसियों ने कहा इसके लिए बनाई गई थी रातों रात वेबसाइट
उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप पीड़िता की मौत हो चुकी है. लेकिन इस मामले को लेकर पूरे देश में गुस्से का माहौल देखने को मिल रहा है.
मामले में चौतरफा विवादों में घिरी योगी सरकार ने अब मामले को लेकर एक बड़ा दावा किया है. सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया है कि हाथरस मामले की आड़ में उत्तर प्रदेश में बड़े स्तर पर जातीय दंगा कराने की योजना बनाई गई थी.
दंगा को अंजाम तक पहुंचाने के लिए रातों-रात एक वेबसाइट भी बना दी गई थी.
जस्टिस फॉर हाथरस नामक बनाई गई वेबसाइट
उत्तर प्रदेश सुरक्षा एजेंसियों के हाथ लगी जानकारी के अनुसारी मोदी और योगी सरकार की छवि खराब करने के लिए जस्टिस फॉर हाथरस नामक एक वेबसाइट रातों रात तैयार की गई थी.
इतना ही नहीं इसके साथ हजारों को लोगों को जोड़ा भी गया था. इस वेबसाइट में यह भी बताया गया है कि विरोध प्रदर्शन की आड़ में कैसे दंगा कराया जा सकता है और दंगा की आग भड़कने के बाद कैसे बचा जा सकता है.
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जिन्हें विकास अच्छा नहीं लग रहा है, वह जातीय और सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहते हैं।
इन दंगों की आड़ में उन्हें राजनीतिक रोटियां सेंकने का अवसर मिलेगा,इसलिए वे नित नए षड्यंत्र करते हैं,इन षड्यंत्रों के प्रति पूरी तरह आगाह होते हुए हमें विकास की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाना है। pic.twitter.com/vbo7yUgH7H
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 4, 2020
सीएम योगी ने ट्वीट कर दी जानकारी
मामला सामने आने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा” जिन्हें विकास अच्छा नहीं लग रहा है. वह जातीय और सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहते हैं.
इन दंगों की आड़ में उन्हें राजनीतिक रोटियां सेंकने का अवसर मिलेगा. इसलिए वे नित नए षड्यंत्र करते हैं. इन षड्यंत्रों के प्रति पूरी तरह आगाह होते हुए हमें विकास की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाना है.”
UP सुरक्षा एजेंसियों के दावा के अनुसार मदद के नाम पर हिंसा फैलाने के लिए इस वेबसाइट के जरिय फंडिंग का भी इंतजाम किया जा रहा था.
जिसमें PFI, SDPI जैसे संगठन जो एनआरसी के खिलाफ हिंसा में शामिल थे.
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