- बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला में राहत
- लेकिन अन्य मामला लंबित होने से जेल से नहीं होंगे रिहा
- अलग-अलग मामलों में दी गई है सजा
राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला से जुड़े एक मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है.
हालांकि दुमका कोषागार मामला अभी लंबित है इसलिए उन्हे जमानत मिलने के बावजूद भी जेल में ही रहना होगा.
लालू प्रसाद यादव को मिली जमानत
गौरतलब है कि सीबीआई अदालत ने चारा घोटाला मामले से जुड़े चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में उन्हें पांच साल की सजा सुनाई थी.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने झारखंड हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल कर अपने स्वास्थ का हवाला दिया था. लालू यादव ने कहा कि उन्होंने इस मामले में अपनी आधी सजा काट ली है.
इस आधार पर उन्हें जमानत दी जानी चाहिए.
अन्य मामला लंबित होने से नहीं मिलेगी जेल से छुट्टी
इससे पहले लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अपना विरोध जताते हुए कहा था कि लालू के खिलाफ चारा घोटाला मामले में चार अलग-अलग सजा सुनाई गई है.
इसलिए जब तक संबंधित अदालत सभी सजा को एक साथ चलाने का आदेश नहीं देती तबतक सजा अलग-अलग माना जाएगा. इसलिए सभी मामलों में आधी सजा काटने के बाद ही उन्हे जमानत दी जा सकती है.
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उल्लेखनीय है कि चारा घोटाले से जुड़े अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद लालू 23 दिसंबर 2017 से जेल में हैं. लालू को मई 2018 में इलाज के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी.
जिसे बाद में झारखंड हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था. अगस्त 2018 से उनका रिम्स में इलाज चल रहा है. जानकारी सामने आ रही थी कि रिहाई के बाद वह बिहार विधानसभा चुनावी प्रचार में हिस्सा ले सकते हैं.
लेकिन लालू को जमानत तो मिल गई है लेकिन जेल से छुट्टी अभी तक नहीं मिली है.
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