- कोरोना दिशानिर्देश का उल्लंघन करते गुजराती
- 100 दिनों में 60 करोड़ का जुर्माना
- गुजरात में बढ़ता जा रहा है कोरोना का कहर
गांधीनगर: घातक कोरोना वायरस की जब तक कोई वैक्सीन नहीं आ जाती एकमात्र समाधान सतर्क रहना और नियमों का पालन करना है.
कोरोना से बचने के लिए सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किया है. जिसके तहत मास्क पहना और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है.
ऐसा नहीं करने वाले से जुर्माना वसूला जाता है.
कोरोना नियमों का पालन नहीं करते गुजराती
सरकार लोगों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है. जो लोग मास्क नहीं पहन रहे ऐसे लोगों से एक हजार का भारी जुर्माना वसूला जाता है.
दस रुपया का मास्क नहीं पहनने पर लोगों को एक हजार का जुर्माना देना पड़ता है. पिछले 3 महीनों में गुजरात के नागरिक नियमों का पालन नहीं करते हुए 60 करोड़ रुपया जुर्माना देकर सरकारी तिजोरी को मालामाल कर दिया है.
कोरोना के बढ़ते कहर पर लगाम लगाने के लिए मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है. इतना ही नहीं सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. 1 जुलाई को पूरे गुजरात में इसे लागू किया गया था.
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इन 100 दिनों में कई लोगों को नियम तोड़ने के लिए दंडित किया गया है. अहमदाबाद, सूरत, वड़ोदरा, राजकोट, जामनगर, भावनगर, गांधीनगर और जूनागढ़ जैसे शहरी इलाकों में कार्रवाई की जा रही है.
विशेष रूप से शहर के उन इलाकों में पुलिस ज्यादा सख्त है जहां कोरोना का खतरा ज्यादा है.
100 दिनों में 60 करोड़ का जुर्माना
इस सिलसिले में गुजरात डीजीपी आशीष भाटिया ने कहा कि ट्रैफिक और शहर पुलिस हर दिन अनुमानित 2000 लोगों से जुर्माना वसूलती है.
इसके अलावा हर दिन लगभग 100 वाहनों को डिटेन किया जाता है. लोगों को स्वास्थ रखने के लिए प्रशासन और पुलिस हर दिन मास्क पहनने को लेकर लोगों को जागरूक कर रही है.
बावजूद इसके गुजरात के लोग नियमों को समझने के लिए तैयार ही नहीं हैं. पिछले 100 दिनों में गुजरातियों ने नियमों को तोड़ने के लिए 60 करोड़ रुपया जुर्माना दिया है.
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