कृषि बिल (Farmers Bills) को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच इसका कोई हल निकलता दिखाई नहीं दे रहा है. किसानों के आंदोलन के देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने पंजाब के किसानों संग कृषि सचिव की एक बैठक बुलाई थी लेकिन यह बातचीत बेनतीजा रही और किसानों के प्रतिनिधियों ने मंत्रालय से बाहर निकलते ही कृषि बिल (Farmers Bills) की कॉपी फाड़ डाली.
दरअसल इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद नहीं थे. इससे नाराज किसानों ने मंत्रालय में ही हंगामा करना शुरू कर दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे. किसानों ने बिल (Farmers Bills) की कॉपी भी फाड़ डाली. मंत्रालय से बाहर निकले किसानों ने कहा कि वो अपना आंदोलन जारी रखेंगे.
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संजय अग्रवाल ने लिया हिस्सा
कृषि मंत्रालय की ओर से संजय अग्रवाल ने इस बैठक में हिस्सा लिया और संगठनों की बात सुनी. पंजाब से जो लोग किसान यूनियन की ओर से शामिल हुए, उनमें बलवीर सिंह राजेवाल, जगरूप सिंह, कुलवंत सिंह, दर्शन पाल, जगजीत सिंह, सतनाम सिंह, सुरजीत सिंह फूल शामिल हैं.
बिल का हो रहा विरोध
मालूम हो कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 27 सितंबर को तीनों कृषि विधेयकों (Farmers Bills) को मंजूरी दी थी. उसको लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. खासतौर से पंजाब और हरियाणा के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. गजट अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति ने तीन विधेयकों को मंजूरी दी थी.
नए कृषि कानूनों (Farmers Bills) में मंडी से बाहर फसल बिक्री की खुली छूट, प्राइवेट फार्मिंग को बढ़ावा देने जैसे प्रस्ताव लाए गए हैं. हालांकि, कई कृषि संगठन और राजनीतिक दल इन कानूनों को किसान विरोधी करार दे रहे हैं. साथ ही किसानों की ओर से डर जताया गया है कि इस कानून से एमएसपी सिस्टम खत्म हो जाएगा, हालांकि सरकार का कहना है कि ये गलत है, एमएसपी सिस्टम जारी रहेगा.
विपक्ष भी विरोध में शामिल
खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर कृषि कानूनों को लेकर अपनी बात कह चुके हैं और विपक्ष की बातों में ना आने की अपील कर चुके हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेता इस कानून के खिलाफ सड़क पर लड़ाई लड़ रहे हैं. राहुल गांधी ने हाल ही में पंजाब, हरियाणा में ट्रैक्टर रैली भी निकाली थी और किसानों से जुड़े कानूनों का विरोध किया था.