पंजाब सरकार की अपील पर किसान संगठन (Kisan Unions) 23 नवंबर से 15 दिन के लिए ‘रेल रोको आंदोलन’ खत्म करने को तैयार गए हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि मांगे नहीं मानने पर वे फिर प्रदर्शन करेंगे. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और किसान संगठनों (Kisan Unions) के बीच वार्ता के बाद यह सहमति बनी. सीएम ने इस फैसले का स्वागत किया है.
किसान संगठनों (Kisan Unions) ने केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित कृषि कानूनों (Farm Bills Protest) को वापस लेने समेत कई मांगें रखी हैं. बता दें कि किसान आंदोलन (Kisan Unions) के चलते पिछले 52 दिनों से यात्री ट्रेन और मालगाड़ी का आवागमन पूरी तरह से बंद है.
यह भी पढ़ें: अजमेर के ख्वाजा गरीब नवाज पहुंचे हार्दिक पटेल, कोरोना मुक्त भारत की मांगी दुआ
दोबारा शुरू हो सकता है आंदोलन
हालांकि पंजाब के किसान (Kisan Unions) 15 दिनों के लिए ही यात्री ट्रेन सेवा बहाल करने को राजी हुए हैं. किसान संगठन रेल सेवा शुरू करने को सशर्त राजी हुए हैं. उनका कहना है कि अगर सरकार से वार्ता विफल रही तो वे दोबारा आंदोलन शुरू कर देंगे.
इससे पहले किसान संगठन बुधवार को नाकेबंदी (Blockade) खत्म नहीं करने का निर्णय लिया था. किसान समूहों ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Punjab CM Amrinder Singh) के अस्पष्ट रुख की आलोचना की थी. किसान संगठनों (Kisan Unions) का कहना है कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह उनकी मांगों को लेकर पहले तो सहानुभूति दिखा रहे थे, लेकिन अब उनका रुख निश्चित नहीं है.
सीएम ने किया फैसले का स्वागत
पंजाब के सीए अमरिंदर सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा, “किसान यूनियनों के साथ एक सार्थक बैठक हुई. यह साझा करते हुए खुशी है कि 23 नवंबर की रात से किसान यूनियन ने 15 दिनों के लिए रेल अवरोधों को समाप्त करने का निर्णय लिया है. मैं इस कदम का स्वागत करता हूं क्योंकि यह हमारी अर्थव्यवस्था को सामान्य स्थिति बहाल करेगा. मैं केंद्र सरकार से पंजाब के लिए रेल सेवाओं को फिर से शुरू करने का आग्रह करता हूं.”
Had a fruitful meeting with Kisan Unions. Happy to share that starting 23rd Nov night, Kisan Unions have decided to end rail blockades for 15 days. I welcome this step since it will restore normalcy to our economy. I urge Central Govt to resume rail services to Punjab forthwith. pic.twitter.com/shmIZPHFR0
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 21, 2020
मालूम हो कि बैठक में किसान मजदूर संघर्ष समिति जो 24 सितंबर से अमृतसर में रेलवे ट्रैक पर बैठी थी, उसने इस पूरी बैठक में हिस्सा नहीं लिया है. इनका कहना है कि हमारा जो पहले फैसला था कि हम यात्री ट्रेन नहीं चलने देंगे, उस पर अभी तक कायम हैं.