देश की मशहूर मसाला कंपनी एमडीएच (MDH) मसाले के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का आज तड़के निधन हो गया. वह 98 साल के थे. खबरों के मुताबिक, गुरुवार सुबह उन्हें दिल का दौरा पड़ा था जिससे उनकी मौत हो गई. बीते तीन सप्ताह से वो अस्पताल में भर्ती थे. गुरुवार सुबह 5.38 पर उन्होंने अंतिम सांस ली.
भारत में एमडीएच (MDH) मसालों के विज्ञापनों और डिब्बों पर उनकी तस्वीर की वजह से उन्हें काफ़ी पहचान मिली थी. स्वर्गीय गुलाटी ने अपनी कंपनी के जरिए भारतीय मसालों (MDH) की पहचान पूरी दुनिया में दिलाई थी. कुछ समय पहले गुलाटी कोरोना से संक्रमित हो गए थे. हालांकि उन्होंने कोरोना पर विजय पा लिया था लेकिन दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया.
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पद्मभूषण सम्मानित थे गुलाटी
व्यापार और उद्योग में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए साल 2019 में उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मभूषण से नवाजा था. वह अपनी कंपनी के CEO थे और 25 करोड़ उनकी सैलरी थी. 98 साल के गुलाटी अपने मसालों (MDH) का विज्ञापन खुद ही करते थे.
सियालकोट में जन्में थे गुलाटी
गुलाटी का जन्म 27 मार्च, 1923 को सियालकोट (पाकिस्तान) में हुआ था. 1947 में देश विभाजन के बाद वह भारत आ गए. तब उनके पास महज 1,500 रुपये थे. भारत आकर उन्होंने परिवार के भरण-पोषण के लिए तांगा चलाना शुरू किया. फिर जल्द ही उनके परिवार के पास इतनी संपत्ति जमा हो गई कि दिल्ली के करोल बाग स्थित अजमल खां रोड पर मसाले की एक दुकान खोली जा सके. इस दुकान से मसाले (MDH) का कारोबार धीरे-धीरे इतना फैलता गया कि आज उनकी भारत और दुबई में मसाले की 18 फैक्ट्रियां हैं. आज एमडीएच (MDH) के 62 प्रॉडक्ट्स बाजार में हैं.
उनके पिता ‘महशियान दी हट्टी’ (MDH) के नाम से मसालों का कारोबार करते थे. हालांकि लोग उन्हें ‘देगी मिर्च वाले’ के नाम से भी जानते थे.