मोदी सरकार द्वारा लागू कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान सरकार का मसौदा प्रस्ताव ठुकरा चुके हैं. Farmer hunger strike
सरकार के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद किसानों ने साफ कर दिया था कि अब आंदोलन को तेज कर दिया जाएगा. किसानों ने शनिवार को टोल प्लाजा पर कब्जा कर लिया था और जबरन फ्री करवा दिया था.
लेकिन किसानों ने अब आंदोलन को और तेज बनाने के लिए भूख हड़ताल पर उतरने का फैसला किया है.
किसान नेताओं ने शुरू किया भूख हड़ताल
किसान यूनियन के नेता सरकार पर दबाव बनाने के लिए अनोखा फैसला किया है. आज 14 दिसंबर सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक भूख हड़ताल पर बैठने का फैसला किया है.
इतना ही नहीं किसान नेताओं ने कहा कि अगर सरकार कृषि कानून को लेकर फिर से बातचीत करना चाहती है तो हम सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार हैं.
जहां एक तरफ किसान नेताओं का भूख हड़ताल शुरू हो गया है वहीं दूसरी तरफ किसान कई जिला के मुख्यालय पर भी धरना देने वाले हैं.
हमारी एक ही मांग तीनों कानूनों को किया जाए रद्द
किसान यूनियन के अलग-अलग दलों का रविवार को बैठक हुई थी इस बैठक में तय किया गया था कि किसान नेता दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर अनशन पर बैठेंगे.
बैठक के बाद किसान नेताओं ने एक एक बार फिर से दोहराया कि हम चाहते हैं कि तीनों कृषि कानूनों को फौरन निरस्त किया जाए. Farmer hunger strike
किसानों को मिला केजरीवाल का साथ
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसानों के प्रति अपना समर्थन जताते हुए कहा कि वह एक दिन का उपवास रखेंग. Farmer hunger strike
इस मौके सीएम ने पूरे देश से अपील करते हुए कहा कि किसानों के समर्थन में 1 दिन का उपवास रखें. केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी के सभी समर्थकों और वालंटियर से अपील करता हूं कि कल 1 दिन का उपवास रखें और किसानों का समर्थन करें.
देश के सभी लोगों से अपील करता हूं, लाखों-करोड़ों लोग किसानों के साथ हैं. अपने अपने घरों में किसानों की मांगों के समर्थन में 1 दिन का उपवास रखें. Farmer hunger strike
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