Gujarat Exclusive > गुजरात > अहमदाबाद: इंजीनियर ने शुरू की चाय की केतली, कहा- काम छोटा या बड़ा नहीं होता

अहमदाबाद: इंजीनियर ने शुरू की चाय की केतली, कहा- काम छोटा या बड़ा नहीं होता

0
919

अहमदाबाद: कोरोना के कारण देश के हर क्षेत्र में लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है. जिसके कारण लोगों के मन में अब परिवर्तन की हवा बह रही है. Ahmedabad Engineer Tea Kettle

नौकरियों के बजाय लोग अब अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने पर जोर दे रहे हैं. अगर आपको कोरोना की वजह से नौकरी नहीं मिल रही है और आप भी कुछ अलग करने की सोच रहे हैं.

तो यह खबर आपके लिए प्रेरणादायक हो सकती है. Ahmedabad Engineer Tea Kettle

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिग्री धारक ने शुरू की चाय की केतली  Ahmedabad Engineer Tea Kettle

आज भी उच्च डिग्री वाले कई शिक्षित युवा नौकरी के लिए भटक रहे हैं. जबकि अहमदाबाद का एक इंजीनियर युवक खुद आत्मनिर्भर हो गया है.

मेघाणीनगर में रहने वाले रौनक राजवंशी नामक युवक ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है.

डिग्री हासिल करने के बाद नौकरी हासिल करने के लिए कई जगहों पर धक्का खाने के बाद वह आत्मनिर्भर बनने का फैसला किया.

आखिरकार शहर के शाहीबाग में सुभाष ब्रिज के पास “इंजीनियर की चाय” नामक अपनी केतली शुरू की है.

2015 से नहीं मिल रही थी नौकरी Ahmedabad Engineer Tea Kettle

रोनके ने 2015 में अपनी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की, लेकिन तब से उसे कहीं अच्छी नौकरी नहीं मिली. रौनक के परिवार में उसके माता-पिता और एक बहन भी है.

रौनक के पिता भी अहमदाबाद में चाय की केतली चलाते हैं. पढ़ाई के बाद रौनक को 7,000 रुपये के मासिक वेतन पर एक जगह पर नौकरी मिली थी. लेकिन इतने पैसों से वह परिवार का भरण पोषण नहीं कर सकता था.

आखिरकार उसने चाय की केतली शुरू किया.

काम कुछ भी हो बड़ा या छोटा नहीं होता: रौनक Ahmedabad Engineer Tea Kettle

अगर काम करने का जुनून हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है. कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है. नौकरी की तलाश कर घर बैठे रहना इससे अच्छा है चाय बेचा जाए.

यदि आप एक शिक्षित बेरोजगार भी हैं और कुछ करना चाहते हैं, तो किसी को किसी तरह रोजगार मिल सकता है. नौकरियां एकमात्र समाधान नहीं हैं. Ahmedabad Engineer Tea Kettle

गुजराती में ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

https://archivehindi.gujaratexclsive.in/hardik-patel-big-responsibility/