मोदी सरकार द्वारा लागू तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर कृषि कानून को रद्द करने की मांग पर डटे हुए हैं. Agriculture Minister Narendra Tomar
मोदी सरकार लगातार किसानों से बातचीत कर कोई बीच का रास्ता निकालने की कोशिश कर रही है. बीते दिनों सरकार ने किसानों को मसौदा प्रस्ताव भेजा था जिसे किसानों ने ठुकरा कर आंदोलन को तेज करने का फैसला किया था.
इस बीच एक बार फिर से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने किसानों से बातचीत करने की तैयारी दिखाई है.
कृषि मंत्री ने कहा हमारी नीयत साफ किसानों से बातचीत करने को तैयार Agriculture Minister Narendra Tomar
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत करने के लिए दो दिन पहले कृषि मंत्रालय की ओर से किसान संगठनों को पत्र भेजा गया था.
तोमर ने कहा कि सरकार खुले मन से किसानों के साथ बातचीत करना चाहती है. किसानों को तारीख तय कर सरकार के पास आना चाहिए हम बातचीत करने को अब भी तैयार है.
उन्होंने कहा कि उम्मीद करते हैं किसान भाई हमारे सरकार की मंशा को समझेंगे.
कृषि मंत्री के किसानों के नाम पत्र को किसानों ने बताया भ्रम फैलाने वाला Agriculture Minister Narendra Tomar
किसानों के आंदोलन का आज 23 वां दिन है. किसानों से सरकार के मसौदा प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और ऐलान किया था कि अब आंदोलन को तेज कर दिया जाएगा. Agriculture Minister Narendra Tomar
लेकिन एक बार फिर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के नाम आठ पन्नों का एक खुला पत्र लिखा है. कृषि मंत्री के इस पत्र को किसानों से पढ़ने की अपील की जा रही है.
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव श्रवण सिंह पंढेर कृषि मंत्री के पत्र को भ्रम पैदा करने वाला बताया. उन्होंने कहा कि कमेटी बनाना समस्या का हल नहीं है, पहले भी किसानों ने छोटी कमेटी बनाने से इनकार किया था.
तोमर जी ने कल जो चिट्ठी लिखी है वो देश को भ्रमित करने वाली है, उसमें कुछ नया नहीं है. Agriculture Minister Narendra Tomar
कुछ नया होता तो हम उस पर टिप्पणी करते. हम सरकार से आज भी इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं लेकिन सरकार किसानों के साथ बातचीत ही नहीं करना चाहती.
जब तक वापस नहीं लिया जाएगा कानून जारी रहेगा आंदोलन Agriculture Minister Narendra Tomar
किसान बीते 27 दिनों से धरना पर बैठे किसानों का कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं लिया जाता आंदोलन जारी रहेगा. जबकि सरकार कानूनों को वापस लेने के पक्ष में नहीं है.
हालांकि सरकार की ओर से कानूनों में संशोधन किए जाने की भरोसा दिया गया है. बावजूद इसके किसान अपनी जिद पर अड़े हैं. किसान नेताओं ने अब खुलकर मोदी सरकार के खिलाफ बोलने लगे हैं.
किसान नेताओं का कहना है सर्दी की सीजन में किसान खुले आसमान के नीचे आंदोलन कर रहे हैं. Agriculture Minister Narendra Tomar
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी तक किसानों को लेकर एक शब्द भी नहीं कहा वह रेडियो पर मन की बात जरूर करते हैं लेकिन किसानों की मन की बात नहीं करते.
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