विशाल मिस्त्री, राजपिपणा: भाजपा सांसद मनसुख वसावा को अचानक प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल को त्याग पत्र भेज दिया था. Mansukh Vasava CM Rupani
वसावा गुजरात सरकार के नर्मदा जिला के 121 गांवों को इको-सेंसिटिव जोन में शामिल करने के फैसले का विरोध कर रहे थे.
इस मामले को लेकर उन्होंने पीएम मोदी को भी पत्र लिखकर मुद्दे को हल करने की मांग की थी. माना जा रहा था कि पार्टी से नाराज होकर वसावा ने इस्तीफा दे दिया था लेकिन अगले दिन ही उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया था.
सीएम रूपाणी से वसावा की बातचीत Mansukh Vasava CM Rupani
इस सिलसिले में भाजपा सांसद मनसुख वसावा ने जानकारी देते हुए कहा कि मेरे इस्तीफे के बाद, मेरे साथ सहानुभूति रखने वाले कई सक्रिय कार्यकर्ताओं ने अपना इस्तीफा दे दिया था.
मेरे बाद अब तमाम लोगों को अपना इस्तीफा वापस ले लेना चाहिए. मैंने अपने स्वास्थ्य के कारण इस्तीफा दे दिया था. Mansukh Vasava CM Rupani
इस्तीफा देने के बाद गांधीनगर में मुख्यमंत्री विजय रूपानी के साथ मुलाकात हुई इस बैठक में इको-सेंसिटिव जोन, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में स्थानीय युवाओं को रोजगार, भरूच जिले के किसानों को जमीन का उचित मुआवजा.
जंबुसर और वागरा इलाके में पीने के पानी का मुद्दा, नर्मदा नहर आधारित सिंचाई जैसे अन्य कई मुद्दों पर चर्चा की. Mansukh Vasava CM Rupani
इसके अलावा, मैंने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के साथ वालिया, झगडिया, नेत्रंग और नर्मदा जिलों में सिंचाई से वंचित किसानों के मुद्दों पर चर्चा की, गणपत वसावा और प्रदीप सिंह जाडेजा से विस्तार से चर्चा होने के बाद विश्वास दिलवाया गया है कि जल्द से जल्द इन तमाम मुद्दों का समाधान निकाल लिया जाएगा.
पार्टी से इस्तीफा देने के बाद ऐसी चर्चा चल रही थी कि मनसुख वसावा पार्टी से नाराज होकर अपना इस्तीफा दिया है. Mansukh Vasava CM Rupani
लेकिन उन्होंने उसके कुछ देर बाद मीडिया के सामने आकर स्वस्थ ठीक नहीं होने का बहाना बनकार इस्तीफा देने की बात कही थी.
लेकिन आज वसावा जो दावा कर रहे हैं उसे देखकर ऐसा लगता है कि बीमारी इस्तीफा देने का एक बहाना था.
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