अहमदाबाद: मेहसाणा दुग्ध उत्पादक संघ (दूधसागर डेयरी) के पूर्व एमडी विपुल चौधरी को गुजरात हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. Vipul chaudhary relief
सरकार द्वारा चौधरी समर्थित मंडली के ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर क- वर्ग में रखने के सरकार के फैसले पर हाईकोर्ट ने प्रतिबंध का आदेश जारी किया है.
इस निर्देश के बाद आगामी दिनों में होने वाले चुनाव में विपुल चौधरी को बड़ी राहत मिलेगी.
विपुल चौधरी को बड़ी राहत Vipul chaudhary relief
राज्य सरकार द्वारा ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर, विपुल चौधरी समर्थित 40 दुग्ध उत्पादक मंडली के क- श्रेणी में 30 के करीब मंडली को ड-श्रेणी में शामिल किया था.
जिसके खिलाफ विपुल चौधरी समर्थित मंडलियों को अदालत ने राहत दी है. हालाँकि, विपुल चौधरी को अभी भी कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.
CID क्राइम ने बोनस घोटाले में अन्य आरोपियों और लोगों के बयान दर्ज करना शुरू कर दिया है. Vipul chaudhary relief
गुजरात हाईकोर्ट में दाखिल की जमानत याचिका
मालूम हो कि अहमदाबाद सिटी सिविल एंड सेशंस कोर्ट ने मेहसाणा मिल्क प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के चुनाव के लिए नामांकन फॉर्म भरने की अनुमति दी थी.
मेहसाणा मिल्क प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विपुल चौधरी ने अब अशोक चौधरी के खिलाफ अपनी उम्मीदवारी दर्ज की है. Vipul chaudhary relief
विपुल चौधरी की जमानत अहमदाबाद सेशंस कोर्ट ने खारिज कर दी थी. जिसके बाद अब उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है. जमानत की इस याचिका पर आगामी दिनों में सुनवाई होने की संभावना है.
2014 में मेहसाणा बी डिवीजन पुलिस स्टेशन में दर्ज एक शिकायत के अनुसार, विपुल चौधरी पर जानवरों का पोषणिक आहार मुफ्त में महाराष्ट्र भेजकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा था.
मामले में शिकायत दर्ज होने के 6 साल बाद विपुल चौधरी को गांधीनगर CID क्राइम ने गिरफ्तार किया था. Vipul chaudhary relief
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