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आठवें दौर की वार्ता से पहले किसानों का तेवर सख्त, कहा- मांग नहीं पूरी होने पर डटे रहेंगे

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केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. आंदोलन कर रहे किसान कानून को रद्द करने की मांग पर डटे हुए हैं. Farmer government talks

किसानों के आंदोलन का आज 40 वां दिन है. केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच अबतक कई दौर की बैठक हो चुकी है बावजूद इसके अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है.

इस बीच उम्मीद जताई जा रही है कि आज होने वाली बैठक में कोई ठोस नतीजा निकलेगा.

किसानों के संग होगी आठवे दौर की वार्ता Farmer government talks

किसान संगठन और केंद्र सरकार के बीच आज एक बार फिर दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में दोपहर 2 बजे आठवें दौर की बैठक आयोजित की जाएगी. Farmer government talks

सावतें दौर की बैठक में 2 प्रस्ताव पर सहमति बनी थी लेकिन कृषि कानून और एमएसपी पर बात नहीं बन पाई थी. सरकार ने दावा किया था कि अगली बैठक में इस मुद्दे पर भी किसानों के साथ चर्चा कर मामले का हल निकाल लिया जाएगा.

आज होने वाली बैठक से पहले किसानों ने साफ कर दिया है कि अगर आज बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकला तो अपने आंदोलन को और तेज कर देंगे.

नहीं मानी जाएगी बात तो चालू रहेगा आंदोलन Farmer government talks

बैठक से पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा उम्मीद है कि सरकार बात मान ले, अगर मांगें पूरी नहीं होती तो आंदोलन चलेगा.

उन्होंने कहा कि आज होने वाली बैठक में हम स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट, तीनों कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग करेंगे. Farmer government talks

अगर हमारी बात सरकार नहीं मानेगी तो हमारा आंदोलन जारी रहेगा. इतने दिनों से चलने वाले आंदोलन में 60 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है सरकार को इसका जवाब देना ही पड़ेगा.

माना जा रहा था कि वक्त के साथ आंदोलन का असर भी धीरे-धीरे कम हो जाएगा लेकिन आंदोलन अपनी ऊंचाइयों की ओर बढ़ता ही जा रहा है. Farmer government talks

किसान संगठन के लोग आंदोलन को लेकर रणनीति के तहत काम कर रहे हैं. लेकिन आंदोलन की वजह से देश को अरबों रुपए का नुकसान होने की उम्मीद जताई जा रही है.

केंद्र सरकार कानून रद्द नहीं करने का मन बना चुकी है. वहीं किसान कानून को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं.

किसान परिवार सहित दिल्ली पहुंच रहे हैं और ट्रैक्टर की ट्रालियों को ही अपना स्थाई आशियाना बना लिया है.

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