मोदी सरकार द्वारा लागू तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों के प्रदर्शन का आज 44वां दिन है. किसान कानून को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं.
लेकिन ना तो सरकार कानून को वापस लेने की तैयारी दिखा रही है ना ही किसान अपनी मांग के साथ समझौता करने का मूड बना रहे हैं. Farmer and government meeting
इस बीच जानकारी सामने आ रही है कि किसान सरकार संग 9वें दौर की वार्ता के लिए सिंधु बॉर्डर से रवाना हो चुके हैं.
आज होगी सरकार के साथ 9वें दौर की वार्ता
इस बीच केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का किसानों के आंदोलन को लेकर बड़ा बयान सामने आया है. Farmer and government meeting
पहले कि वार्ता में किसान यूनियन के नेताओं का विषय था कि हम इसमें सुधार चाहते हैं. सरकार सुधार के लिए तैयार है. मुझे विश्वास है कि आज की वार्ता में वे इस बात को समझेंगे.
किसान यूनियन के नेता सोचकर आएंगे कि समाधान करना है तो समाधान अवश्य होगा.
कानून नहीं हुआ रद्द तो जारी रहेगा आंदोलन Farmer and government meeting
किसान पहले भी साफ कर चुके हैं कि तीनों कानूनों में हमें संशोधन नहीं चाहिए बल्कि कानून को रद्द करने से नीचे कुछ मंजूर नहीं.
44 वें दिन भी कृषि कानूनों के खिलाफ गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. Farmer and government meeting
वार्ता से पहले एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा आज की बैठक में हम उम्मीद करते है कि आज शायद फैसला आ जाए.
लेकिन अगर फैसला नहीं आया तो जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी तब तक हमारा आंदोलन बढ़ता रहेगा हम पीछे नहीं हटेंगे.
गौरतलब है कि किसान आंदोलन के बाद सरकार और किसानों संग अबतक 8 दौ की वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है.
किसानों का कहना है कि अगर उनकी बातें नहीं मानी गईं तो 26 जनवरी को दोबारा ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा. Farmer and government meeting
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर झांकी में एक तरफ जवानों के टैंक होंगे और दूसरी तरफ किसानों के ट्रेक्टर.
गुजराती में ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/corona-update-news-24/