अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने एच-1बी वीजा (H-1B Visa) के लिए चयन की प्रक्रिया में बदलाव करने का फैसला किया है. अब मौजूदा लॉटरी प्रक्रिया की जगह वेतन और कौशल को प्राथमिकता दी जाएगी. इस संबंध में एक अधिसूचना संघीय रजिस्टर में प्रकाशित हुई और यह 60 दिनों में लागू होगी.
अधिकारियों ने बताया कि अंतिम नियम 8 जनवरी को फेडरल रजिस्टर में प्रकाशित होंगे. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य अमेरिकी श्रमिकों के आर्थिक हितों की सुरक्षा करना है. साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि अस्थायी रोजगार कार्यक्रम से उच्च दक्षता रखने वाले विदेशी कर्मचारियों को लाभ हो.
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अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा ने बताया है कि एच-1बी वीजा (H-1B Visa) चयन प्रक्रिया में संशोधन से नियोक्ताओं को उच्च वेतन और उच्च पदों पर आवेदन जारी करने में प्रोत्साहन मिलेगा. इसके अलावा कंपनियों के लिए जरूरत के मुताबिक कर्मचारियों को रखने और खुद को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाए रखने का रास्ता प्रशस्त होगा.
क्या है एच-1बी वीजा
एच-1बी वीजा (H-1B Visa) गैर-आव्रजक वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विशेषज्ञता वाले पदों पर विदेशी पेशेवरों की नियुक्ति की अनुमति देता है. इस वीजा (H-1B Visa) के जरिये अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियां हजारों की संख्या में भारत और चीन के पेशेवरों की नियुक्ति करती हैं. एच-1बी वीजा के लिए आवेदन करने का अगला सत्र एक अप्रैल से चालू होगा.
पिछले सप्ताह ट्रंप ने एच-1बी वीजा (H-1B Visa) और अन्य कार्य वीजा के साथ ही ग्रीन कार्ड पर रोक को 31 मार्च तक बढ़ा दिया था. डेमोक्रेटिक नेता जो बाइडन ने कहा है कि ट्रम्प की आव्रजन नीतियां क्रूर हैं और उन्होंने वादा किया है कि वह 20 जनवरी को राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद एच-1बी वीजा पर रोक को हटा देंगे.