नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) भारत के खिलाफ कुछ भी उल्टा-सीधा बोलने से बाज नहीं आ रहे हैं. हाल के महीनों में सीमा विवाद को बढ़ाने वाले ओली ने एकबार फिर भारत के क्षेत्रों को अपना बताया है.
ओली (KP Sharma Oli) ने कहा है कि वह भारत से कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख क्षेत्र को वापस लेकर रहेंगे. उनका (KP Sharma Oli) यह बयान इसलिए भी अहम है कि सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच विदेश मंत्री स्तर की बातचीत होने वाली है.
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नेपाल की नेशनल एसेंबली के सत्र को संबोधित करते हुए ओली ने कहा,
“महाकाली नदी के पूर्व में स्थित कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख सुगौली संधि के तहत नेपाल का हिस्सा हैं. हम भारत के साथ कूटनीतिक वार्ता के जरिए इन इलाकों को वापस लेंगे.”
उन्होंने कहा कि आज, हमें हमारी जमीन वापस लेने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद जब भारतीय सैन्य बलों ने इन क्षेत्रों में अपना ठिकाना बनाना शुरू किया था तो नेपाली शासकों ने इन क्षेत्रों को वापस लेने की कोशिश नहीं की. ओली (KP Sharma Oli) ने सांसदों को बताया कि नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञावली के भारत दौरे में भी सीमा विवाद के मुद्दे को उठाया जाएगा.
‘मैं भारत का सच्चा दोस्त बनना चाहता’
ओली ने कहा,
“हमने अंतरराष्ट्रीय संबंधों के क्षेत्र में काफी प्रगति की है. मैं भारत का सच्चा दोस्त बनना चाहता हूं. लेकिन नेपाल भारत के साथ बराबरी पर आधारित दोस्ती चाहता है.”
उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ज्ञावली 14 जनवरी को भारत के दौरे पर जाएंगे. ज्ञावली के दौरे में सीमा विवाद समेत कई अन्य मुद्दों पर बातचीत होगी. ये बहुत जरूरी है क्योंकि हम भारत के साथ बेहतर द्विपक्षीय संबंध स्थापित करना चाहते हैं.