केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू तीनों कृषि कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को बड़ा झटका दिया है.
मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आज तीनों कानूनों पर रोक लगाने का बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने मामले को हल करने के लिए 4 सदस्यी कमेटी बनाई है.
जिसमें कृषि एक्सपर्ट समेत कई अन्य लोगों को शामिल किया गया है. Supreme court ban agricultural law
कोर्ट ने मामले को हल करने के लिए कमिटी का गठन किया
CJI ने कहा कि हम अपने हिसाब से कमिटी के गठन करेंगे, कमिटी में कौन होगा कौन नहीं यह हम तय करेंगे. डीएमके कि ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि हम किसानों का साथ अंत तक देंगे.
उन्हें न्याय मिलना चाहिए. मिल रही जानकारी के अनुसार इस कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के जितेंद्र सिंह मान, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी (कृषि विशेषज्ञ) और अनिल शेतकारी को शामिल किया गया है.
किसानों ने फैसले का किया स्वागत Supreme court ban agricultural law
किसान नेता राजेश टिकैत सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने पर खुशी का इजहार करते हुए कहा कि कोर्ट से हमें इसी तरीके के फैसले की उम्मीद थी.
कल होने वाली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि हम कानून को वापस लेने की बात नहीं कर रहे. Supreme court ban agricultural law
बल्कि सवाल कर रहे हैं कि हालात को संभालने के लिए क्या कदम उठाया जा रहा है. कोर्ट ने एक बार फिर से दोहराया कि हम एक्सपर्ट कमेटी बनाना चाहते हैं.
तबतक सरकार इन कानूनों को रोके वरना हम एक्शन लेंगे. इतना ही नहीं कोर्ट ने कहा कि हम किसी को प्रदर्शन करने से रोक नहीं सकते.
8वें दौर की बातचीत बिना किसी निष्कर्ष के खत्म
बीते दिनों राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में कृषि कानूनों के मसले पर सरकार और किसान संगठनों के बीच आठवें दौर की बातचीत भी बिना किसी निष्कर्ष के समाप्त हो गई.
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में एक बार फिर सरकार ने किसान नेताओं के सामने कानून में संशोधन का प्रस्ताव रखा. Supreme court ban agricultural law
सरकार की ओर से कहा गया कि कानून वापस नहीं ले सकते क्योंकि काफी किसान इसके पक्ष में हैं. वहीं किसान नेता कानून रद्द करने की मांग दुहराते रहे. अब अगली बैठक 15 जनवरी को होगी.
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