भारतीय वायुसेना के बेड़े में 83 तेजस (Tejas) विमान शामिल होने वाले हैं. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में भारतीय वायुसेना के लिए 73 हल्के लड़ाकू विमान तेजस Mk-1A और 10 तेजस Mk-1 ट्रेनर विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी गई. इसमें 45696 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करके तेजस की खरीद से जुड़ी जानकारी दी. डील पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वायुसेना की मजबूती के लिए ये फैसला लिया गया है.
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राजनाथ सिंह ने कहा कि ये डील रक्षा क्षेत्र में गेमचेंजर साबित होगी. उन्होंने कहा कि हल्के लड़ाकू विमान तेजस (Tejas) आने वाले सालों में IAF के लड़ाकू बेड़े का आधारस्तंभ बनने जा रहे हैं. LCA तेजस (Tejas) में ऐसी नई टेक्नोलॉजी शामिल हैं, जिसमें से कई का प्रयास भारत में कभी नहीं हुआ.
The CCS chaired by PM Sh. @narendramodi today approved the largest indigenous defence procurement deal worth about 48000 Crores to strengthen IAF’s fleet of homegrown fighter jet ‘LCA-Tejas’. This deal will be a game changer for self reliance in the Indian defence manufacturing.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) January 13, 2021
क्या है खासियत
गौरतलब है कि लाइट कॉम्बेट Mk-1A वेरिएंट स्वदेश में डिजाइन, विकसित और निर्मित किया गया आधुनिक पीढ़ी का फाइटर प्लेन है. इसे बेंगलुरु के हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बनाया है. तेजस (Tejas) हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मिसाइल दाग सकता है. इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं.
तेजस (Tejas) 42% कार्बन फाइबर, 43% एल्यूमीनियम एलॉय और टाइटेनियम से बनाया गया है. यह स्वदेशी चौथी पीढ़ी का टेललेस कंपाउंड डेल्टा विंग विमान है. ये चौथी पीढ़ी के सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों के समूह में सबसे हल्का और सबसे छोटा है. हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस को भारतीय वायुसेना द्वारा पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान सीमा के करीब तैनात किया गया है.