नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के कुछ नागरिक अधिकार कार्यकर्ता और संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट से पूर्व पुलिस अधिकारी संजीव भट्ट को जमानत देने की अपील की है. Sanjeev Bhatt Bail Appeal
झूठे सबूतों के आधार पर मिली भट्ट को सजा
इंडियन-अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल और हिंदूज फोर ह्यूमन राइट्स द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में संगठन और कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि हत्या के मामले में संजीव भट्ट को झूठे सबूतों के आधार पर सजा सुनाई गई है. Sanjeev Bhatt Bail Appeal
सुप्रीम कोर्ट 22 जनवरी को संजीव भट्ट की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी. गौरतलब है कि गुजरात हाईकोर्ट ने भट्ट की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था जिसकी वजह से उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
भट्ट को मिली सजा हमारे बुरे समय को दर्शाता है
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री शशि थरूर ने कहा कि वह संजीव भट्ट के साथ हुए अन्याय पर क्रोधित है. Sanjeev Bhatt Bail Appeal
जिन्हें समाज की सेवा करने और सामर्थ्य के साथ सच बोलने की उनकी क्षमता के कारण जेल भेज दिया गया है. थरूर ने कहा, “संजीव का मामला उस बुरे समय को दर्शाता है जिसमें हम रहते हैं, जहां संवैधानिक मूल्य और सभी मामलों में सभी भारतीयों को संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकार कमजोर हैं और उन शक्तियों द्वारा छीन लिए गए हैं जो उदार नहीं हैं.”
संजीव भट्ट की तरह जीवित भारतीयों की अंतरात्मा को खड़े होना चाहिए और इस तरह की चुनौती से लड़ना चाहिए. जो हमारे गणतंत्र की नींव को कमजोर करने के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं.
निश्चित एजेंडा के तहत संजीव के खिलाफ हुई कार्रवाई Sanjeev Bhatt Bail Appeal
मानवाधिकार कार्यकर्ता, शास्त्रीय नृत्यांगना और अभिनेत्री मल्लिका साराभाई ने कहा कि यह केवल संजीव भट्ट का मामला नहीं है जिनके खिलाफ एक निश्चित एजेंडा सेट करके कार्रवाई की गई है.
बल्कि मोदी सरकार के अधिकांश आलोचकों के साथ भी ऐसा ही हो रहा है. मल्लिका साराभाई ने कहा, “अगर कोई भी सरकार के खिलाफ बोलता है या एक सवाल पूछता है, जो हमारे लोकतंत्र में एक मौलिक अधिकार है, तो इसके खिलाफ किसी ना किसी बहाने कार्रवाई की जाती है. Sanjeev Bhatt Bail Appeal
उसके खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जाते हैं और उसे चुप कराने की कोशिश की जाती है.
30 साल पुराना कस्टोडियल डेथ मामला Sanjeev Bhatt Bail Appeal
20 जून, 2019 को, जामनगर की सत्र अदालत ने 30 साल पुराने कस्टोडियल डेथ मामले में संजीव भट्ट और एक अन्य एक पुलिस अधिकारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
संजीव भट्ट इन दिनों पालनपुर जेल में बंद हैं. उनके खिलाफ 1996 में एनडीपीएस मामले में भी केस दाखिल किया गया है. Sanjeev Bhatt Bail Appeal
संजीव भट्ट ने 2002 के सांप्रदायिक दंगों में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी का आरोप लगाते हुए अदालत में एक हलफनामा दायर किया था.
1990 के जामनगर कस्टोडियल डेथ केस में संजीव भट्ट और एक अन्य पुलिस अधिकारी, प्रवीण सिंह झाला को स्थानीय सत्र अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
जब जामनगर में जब दंगा भड़क उठा था उस वक्त संजीव भट्ट जामनगर जिला के पुलिस अधीक्षक थे.
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