मोदी सरकार द्वारा लागू तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 57वें दिन में प्रवेश कर चुका है. Discussion government proposal
कल दिल्ली स्थिति विज्ञान भवन में किसान और सरकार के बीच आज 10वें दौर की बातचीत हुई.
इस वार्ता में सरकार की ओर से दो प्रस्ताव रखे गए पहला यह कि कृषि कानून को अभी लागू नहीं किया जाएगा और दूसरा एमएसपी के लिए सरकार कमेटी बनाने को तैयार है.
इस प्रस्ताव पर कुछ किसान संगठन के नेता सहमत नजर आए तो कुछ विरोध कर रहे हैं.
सरकार के प्रस्ताव पर जारी है वार्ता
इस बीच जानकारी सामने आ रही है कि सरकार की ओर से दिए गए प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए किसान संगठन से जुड़े लोगों की एक अहम मीटींग चल रही है.
अगस सरकार के प्रस्ताव पर किसानों के बीच आपसी सहमति बन जाती है तो आंदोलन कुछ वक्त के लिए खत्म हो सकता है.
इस बीच अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि लग रहा है कि सरकार ने थोड़ा विचार करना शुरू किया है.
कल के प्रस्ताव पर हमने कहा है कि इस पर चर्चा करनी पड़ेगी. चर्चा में जो आम सहमति बनेगी उसे हम सरकार के पास रखेंगे.
कानून को रद्द करने से नीचे हमें कुछ और मंजूर नहीं Discussion government proposal
वहीं इस सिलसिले में जानकारी देते हुए किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि आज दो बजे संयुक्त मोर्चा की बैठक हो रही है. Discussion government proposal
कानूनों को रद्द करने और MSP पर नया कानून बनाने से नीचे कुछ भी मंजूर नहीं है. 26 जनवरी का कार्यक्रम अटल है और ये हर हाल में होगा. उसमें कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा.
कृषि मंत्री क्या बोले Discussion government proposal
कल होने वाली बैठक के बाद कृषि मंत्री ने कहा कि हम तीनों कानूनों पर आपके साथ बिंदुवार चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार किसी भी सूरत में तीनों कानून को वापस नहीं लेगी.
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार और किसान संगठनों के नेताओं की एक कमेटी बना देते हैं, जब तक बीच का रास्ता नहीं निकलेगा तब तक हम कानून को लागू नहीं करेंगे.
सरकार ये एफिडेविट सुप्रीम कोर्ट में भी देने को तैयार हैं. Discussion government proposal
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