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किसान और सरकार के बीच 11 दौर की वार्ता के बाद भी नहीं निकला कोई हल

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किसान संगठनों और सरकार के बीच लगातार बातचीत (Farmers Government Talks) का दौर चल रहा है लेकिन अब तक इसका कोई परिणाम सामने नहीं आया है. इस बीच 11वें दौर की नई दिल्ली में दोनों पक्षों के बीच बातचीत (Farmers Government Talks) हुई लेकिन इसका भी कोई हल नहीं निकल पाया. बैठक की अगली तारीख अभी तय नहीं है.

आज की बैठक (Farmers Government Talks) में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमने जो प्रस्ताव दिया है वह आपके हित के लिए है. इससे बेहतर हम कुछ नहीं कर सकते. अगर आप का विचार बने एक बार सोच लीजिए. हम फिर मिलेंगे, लेकिन अगली कोई तारीख तय नहीं की गई.

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कृषि मंत्री क्या बोले

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ”मैं बड़े भारी मन से यह बात कह रहा हूं कि यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसानों की ओर से कोई भी सकारात्मक रिस्पांस नहीं आया.”

तोमर ने किसान नेताओं से कहा कि सरकार आपके सहयोग के लिए आभारी है. कानून में कोई कमी नहीं है. हमने आपके सम्मान में प्रस्ताव दिया था. आप निर्णय नहीं कर सके. आप अगर किसी निर्णय पर पहुंचते हैं तो सूचित करें. इस पर फिर हम चर्चा करेंगे.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि कानूनों पर सरकार डेढ़ साल तक रोक लगाने के लिए तैयार है. इससे बेहतर प्रस्ताव सरकार नहीं दे सकती. नरेंद्र तोमर ने कहा कि अगर किसान बातचीत करने को तैयार हैं तो ये कल भी हो सकती है लेकिन विज्ञान भवन कल खाली नहीं है. कृषि मंत्री ने बातचीत के लिए किसानों का धन्यवाद किया.

किसानों ने क्या कहा

वहीं किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि लंच ब्रेक (Farmers Government Talks) से पहले किसान नेताओं ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग रखी. सरकार ने कहा कि वो संशोधन के लिए तैयार है. मंत्रियों ने किसान नेताओं से प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कहा. वहीं, हमने सरकार से हमारे प्रस्ताव पर विचार करने को कहा. इसके बाद मंत्री बैठक (Farmers Government Talks) छोड़कर चले गए.

मालूम हो कि 10वें दौर की बैठक में 20 जनवरी को केंद्र सरकार ने किसान नेताओं को प्रस्ताव दिया था कि वह कृषि कानूनों को एक-डेढ़ साल तक स्थगित करने के लिए तैयार है. इस दौरान सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की एक कमिटी इन कानूनों पर विस्तार से चर्चा कर समाधान का रास्ता निकालेगी.

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