अहमदाबाद: दूधसागर डेयरी के पूर्व अध्यक्ष विपुल चौधरी को मंगलवार को गुजरात उच्च न्यायालय ने सशर्त जमानत दे दी. Vipul chaudhary bail
इससे पहले गुजरात उच्च न्यायालय ने दूधसागर डेयरी के चुनाव अभियान के लिए विपुल चौधरी को अंतरिम जमानत देने की मांग को खारिज कर दिया था.
गुजरात हाईकोर्ट ने दी जमानत
गुजरात उच्च न्यायालय ने 31 दिसंबर, 2020 को राज्य सरकार द्वारा एक ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर, विपुल चौधरी समर्थित जोडिया दुग्ध उत्पादक संघ मंडली को क-श्रणी में वर्गीकृत करने के निर्णय पर रोक लगा दिया था.
मालूम हो कि अहमदाबाद सिटी सिविल एंड सेशंस कोर्ट ने मेहसाणा मिल्क प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के चुनाव के लिए नामांकन फॉर्म भरने की अनुमति दी थी.
मेहसाणा मिल्क प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विपुल चौधरी ने अशोक चौधरी के खिलाफ अपनी उम्मीदवारी दर्ज की थी. लेकिन चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा था.
जेल में बंद होने के बावजूद चुनाव में लिया था हिस्सा Vipul chaudhary bail
राज्य सरकार द्वारा ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर, विपुल चौधरी समर्थित 40 दुग्ध उत्पादक मंडली के क- श्रेणी में 30 के करीब मंडली को ड-श्रेणी में शामिल किया था.
जिसके खिलाफ विपुल चौधरी समर्थित मंडलियों को अदालत ने राहत दी है. हालाँकि, विपुल चौधरी को अभी भी कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.
CID क्राइम ने बोनस घोटाले में अन्य आरोपियों और लोगों के बयान दर्ज करना शुरू कर दिया है. Vipul chaudhary bail
चुनावी में मिली थी करारी शिकस्त
दूधसागर डेयरी के अध्यक्ष के रूप में अशोक चौधरी को नियुक्त किया गया है. नव नियुक्त अध्यक्ष अशोक चौधरी का कार्यकाल 5 वर्ष का होगा. Vipul chaudhary bail
रिटर्निंग ऑफिसर सीसी पटेल की अध्यक्षता में होने वाली बोर्ड की बैठक में अशोक चौधरी के नाम की घोषणा की गई. जबकि अमरत देसाई को पहले ढाई साल के लिए उपाध्यक्ष चुना गया है.
वहीं जशीबेन देसाई को दूसरे ढाई साल के लिए उपाध्यक्ष चुना गया है. गौरतलब है कि दूध सागर डेयरी में 15 साल का तख्तापलट हुआ था. Vipul chaudhary bail
अशोक चौधरी के परिवर्तन पैनल की शानदार जीत हुई, जबकि विपुल चौधरी के विकास पैनल के केवल दो उम्मीदवार ही जीत पाए.
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