विशाल मिस्त्री, राजपिपणा: गुजरात के स्थानीय निकाय चुनावों में चारो तरफ भाजपा ने अपना भगवा लहरा दिया है. शानदार जीत के बाद भाजपा पूरे गुजरात में जश्न मना रही है.
लेकिन कांग्रेस, बीटीपी और अन्य राजनीतिक दल भाजपा की जीत पर सवाल उठा रहे हैं. BTP raised questions on Gujarat BJP victory
बीटीपी के प्रमुख छोटूभाई वसावा और बीटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश वसावा ने कहा कि यह भाजपा की जीत नहीं बल्कि ईवीएम का कमाल है. BTP raised questions on Gujarat BJP victory
सवालों के घेरे में भाजपा की जीत BTP raised questions on Gujarat BJP victory
छोटूभाई वसावा ने कहा, “अगर लोकसभा चुनाव में वीवीपेट होता है तो स्थानीय निकाय चुनाव क्यों नहीं. यह भाजपा की धोखाधड़ी करने की साजिश है. मुझे नहीं पता कि मैंने किसे वोट दिया है.”
हम इस मुद्दे पर अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. नगर निगम चुनाव के नतीजे पहले लाकर भाजपा चाहती थी कि इस नतीजे से लोगों के दिमाग पर असर पड़े.
यह सरकार या भाजपा की जीत नहीं है बल्कि ईवीएम का कमाल है. गुजरात में घर-घर शराब पाई जाती है. BTP raised questions on Gujarat BJP victory
पुलिस मतदान के लिए शराब की पोटली लेकर घूमती है.
बीटीपी नेताओं ने कहा यह भाजपा की जीत नहीं बल्कि EVM का कमाल है BTP raised questions on Gujarat BJP victory
छोटूभाई वसावा ने आगे कहा कि देश की जनता भ्रष्टाचार से तंग आ चुकी है. सरकार यह दिखाना चाहती है कि देश में महंगाई ही नहीं है. BTP raised questions on Gujarat BJP victory
लेकिन लोगों को खाने के लिए खाना नहीं मिलता है, बच्चे कुपोषित पैदा होते हैं, देश में महंगाई की मार चरम सीमा पर है. मुझे नहीं पता कि जनता ऐसी सरकार का चुनाव कैसे करेगी.
अगर ईवीएम की जगह बैलेट पेपर होता है, तो जनता दिखा देती कि वह किसके साथ है. BTP raised questions on Gujarat BJP victory
वहीं इस मामले को लेकर BTP के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश वसावा ने कहा कि लोगों के विभिन्न मुद्दे, देश में महंगाई और किसानों के आंदोलन की वजह से भाजपा की जीत पर संदेह जताया जा रहा है.
हमें लोकतंत्र के अनुसार परिणाम नहीं मिला है. ईवीएम की वजह से भाजपा को कामयाबी मिली है. हम अनुसूची 5, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और इको सेंसिटिव जोन के मुद्दे पर अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.
इस परिणाम से हमें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. लेकिन यह लोकतंत्र को समाप्त करने की भाजपा की साजिश है. 3 बच्चों वाले व्यक्ति तालुका, जिला पंचायत और ग्राम पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, केवल युवाओं को राजनीति से दूर रखने के लिए बनाया गया है.
अगर युवा राजनीति में आते हैं, तो लोगों में जागरूकता बढ़ेगी और भाजपा-कांग्रेस की दुकान बंद हो जाएगी. हम इस कानून के खिलाफ हाईकोर्ट में जाएंगे. BTP raised questions on Gujarat BJP victory
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