गांधीनगर: गुजरात विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल चल रहा है. सरकार ने सदन में विपक्ष के सावल का जवाब देते हुए बताया कि पिछले 2 साल में 286 सरकारी प्राइवरी स्कूलों को बंद कर दिया गया है.
ऐसे में सवाल यह उठता है कि गुजरात सरकार क्या राइट टू एजुकेशन के नियमों का पालन कर रही है? Gujarat 286 government schools closed
286 सरकारी प्राइमरी स्कूलों को किया गया बंद Gujarat 286 government schools closed
भिलोडा विधानसभा के कांग्रेसी विधायक अनिल जोशीरा ने विधानसभा में पूछा था कि राज्य में कितने सरकारी प्राथमिक स्कूलों को बंद किया गया है. Gujarat 286 government schools closed
सरकार ने इस सवाल का जवाब देते हुए सदन में बताया कि पिछले दो वर्षों में राज्य की 286 सरकारी प्राथमिक स्कूलों को बंद किया गया है.
सरकार ने बताया कि सरकारी स्कूलों में नियमों के अनुसार छात्रों की संख्या कम होने की वजह से स्कूलों को बंद किया गया है.
गुजरात सरकार का नारा कैसे होगा सार्थक
“पढ़ेगा गुजरात आगे बढ़ेगा गुजरात” का नारा देने वाली गुजरात सरकार के दावे की पोल उस वक्त खुल जाती है. जब देखा जाता है कि कई स्कूलों में बच्चों की संख्या ही नहीं है.
इतना ही नहीं आज भी गुजरात के कई गांव में बच्चे स्कूल जाना ही पंसद नहीं करते. बच्चों के स्कूल नहीं जाने के पीछे कई वजह बताई जा रही है. Gujarat 286 government schools closed
जिसमें से मुख्य उचित परिवहन सुविधा नहीं मिलना और स्कूलों की संख्या में दूरी बताई जा रही है.
24 दिनों तक चलेगा बजट सत्र Gujarat 286 government schools closed
गुजरात के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री नितिन पटेल ने 3 मार्च को सदन में 9 वीं बार बजट पेश कर अपने नाम नया रिकॉर्ड दर्ज किया था. Gujarat 286 government schools closed
इस बजट सत्र में मांग पर चर्चा के लिए 12 दिन आवंटित किए गए हैं.
इतना ही नहीं इस बजट सत्र के दौरान CAG की रिपोर्ट के साथ ही साथ लव जिहाद के खिलाफ भी राज्य सरकार सदन में बिल पेश करेगी. Gujarat 286 government schools closed
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