Naxal Attack: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में 22 सुरक्षाकर्मियों शहीद हो गए हैं. इस खबर ने पूरे देश को झकझोर दिया है. हालांकि नक्सलियों का यह तांडव अब भी जारी है. रविवार शाम तक 15 नक्सली ढेर हो चुके हैं. Naxal Attack
हर किसी के मन में यही सवाल उठ रहा है कि आखिर इतने बड़े नक्सली हमले के पीछे किसका शातिर दिमाग है? बताया जा रहा है कि इस हमले के पीछे नक्सली कमांडर हिडमा का हाथ है. Naxal Attack
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नक्सल कमांडर माड़वी हिडमा को संतोष उर्फ इंदमुल उर्फ पोडियाम भीमा जैसे कई नामों से भी जाना जाता है. यह छत्तीसगढ़ पुलिस समेत कई नक्सल प्रभावित राज्यों के पुलिस के लिए मोस्टवांटेड नक्सली है. Naxal Attack
90 के दशक में चुना नक्सल का रास्ता
40 साल का हिडमा सुकमा जिले के पुवार्ती गांव का रहने वाला है. उसने 90 के दशक में नक्सली हिंसा का रास्ता चुना और तबसे कई निर्दोष लोगों की जान ले चुका है. वह माओवादियों की पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीजीएलए) बटालियन-1 का हेड है और ऐसे घातक हमले करता रहता है. वह माओवादी दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZ) का सदस्य है. वह सीपीआई (माओवादी) की 21 सदस्यीय सेंट्रल कमेटी का युवा सदस्य है. Naxal Attack
हिडमा हमेशा छिपकर रहता है. उसकी हाल की कोई तस्वीर भी उपलब्ध नहीं है. उसे सिर पर 40 लाख का इनाम है. हिडमा के पास एके-47 जैसे खतरनाक हथियार हैं और उसकी टीम में 180-250 नक्सली हैं, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं. Naxal Attack
बीते साल मार्च में सुकमा में नक्सलियों ने 17 लोगों की जान ली थी. अप्रैल 2019 में बीजेपी विधायक भीमा माडवी, उनके ड्राइवर और तीन सुरक्षाकर्मियों की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. साल 2010 के अप्रैल महीने में तडमेटला में 76 जवानों की नक्सलियों ने जान ले ली थी.