राजकोट: गुजरात में कोरोना वायरस की वजह से हर दिन स्थिति खराब होती जा रही है. कोरोना की वजह से मरने वाले लोगों को कोविड दिशानिर्देशों के अनुसार अंतिक संस्कार किया जा रहा है.
जिसकी वजह से मृतक के रिश्तेदार अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाते हैं. इस बीच कोरोना काल में अस्पतालों की लापरवाही के मामले भी जमकर सामने आ रहे हैं. Rajkot Civil Hospital
सूरत के बाद राजकोट से एक मामला सामने आया है. Rajkot Civil Hospital
जहां सिविल अस्पताल के कर्मचारियों ने एक वृद्ध को मृत घोषित कर दिया गया और उसके शव को उसके परिवार को सौंप दिया.
राजकोट सिविल अस्पताल की घोर लापरवाही Rajkot Civil Hospital
मिल रही जानकारी के अनुसार, राजकोट-मोरबी रोड जकातनाका के पास रहने वाली राजिबेन को 6 अप्रैल को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. Rajkot Civil Hospital
वह कोरोना की चपेट में आ गई थी. दो दिनों के उपचार के बाद राजिबेन को अस्पताल के कर्मचारियों ने मृत घोषित कर दिया गया. जिसकी वजह से उनके परिजन शोक में डूब गए.
उसके बाद अस्पताल प्रशासन ने उनका मृत्य प्रमाणपत्र देकर परिजन को शव को सौंप दिया.
अंतिम दर्शन के दौरान हुआ खुलासा Rajkot Civil Hospital
अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही उस वक्त सामने आई जब परिजन अंतिम संस्कार से पहले उनका चेहरा देखा. जिसके बाद परिवार ने अस्पताल के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी.
मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया लेकिन अस्पताल ने अपना बचाव करते हुए कहा कि एक समान नाम होने की वजह से गलती हुई है. Rajkot Civil Hospital
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