अहमदाबाद: कोरोना के नए मामले शहर में बड़े पैमाने पर हर दिन दर्ज हो रहे हैं. Ahmedabad hospital humanity ashamed
मौजूदा स्थिति में कोरोना संक्रमित के परिजन अस्पताल, बेड, ऑक्सीजन या फिर इंजेक्शन के लिए चक्कर काट रहे हैं.
इसमें भी सरकार के सख्त नियमों के कारण लोगों को त्राहिमाम कर दिया है.
अहमदाबाद नगर निगम ने बनाया अजीब नियम
अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने एक नियम बना दिया है कि एंबुलेंस से आने वाले मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया जाएगा. Ahmedabad hospital humanity ashamed
लेकिन मौजूदा स्थिति यह है कि 108 पर कॉल करने के बाद दस घंटे तक परिजन को इंतजार करना पड़ रहा है.
ऐसे में अगर कोई रिश्तेदार अपने मरीज को किसी अन्य वाहन से अस्पताल ले जाता है तो उसे अस्पताल में भर्ती नहीं किया जाता है.
एंबुलेंस से आने वालों को अस्पताल में मिलेगी एंट्री
कोरोना महामारी के इस दौर में सरकार ने बार-बार सब सही होने का दावा कर रही है. लेकिन वास्तविकता इस हकीकत से बिल्कुल अलग है.
अहमदाबाद के शारदाबेन अस्पताल का एक वीडियो वायरल हो रहा है. Ahmedabad hospital humanity ashamed
जिसमें एक माँ अपने कोरोना संक्रमित पुत्र को लेकर अस्पताल के बाहर सड़क पर बैठी है. मां से बार-बार आग्रह के बावजूद शारदाबेन अस्पताल प्रशासन ने दरवाजे को बंद रखा.
नगर निगम की ओर से दी गई सफाई
मामला सामने आने के बाद उप स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि मरीज के पास कोरोना की रिपोर्ट नहीं थी.
इसलिए उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया. यह कल रात का वीडियो है.
इस मामले को लेकर डीवाईएमसी केतन ठक्कर ने कहा कि मरीज की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट नहीं थी.
शारदाबेन अस्पताल में संदिग्ध मरीजों के लिए कोई वार्ड नहीं था. Ahmedabad hospital humanity ashamed
इसलिए अस्पताल में तैनात लोग उसे सिविल अस्पताल जाने के लिए समझा रहे थे. यह वीडियो उसी समय का है.
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